करंट टॉपिक्स

मुख्तार अंसारी को दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश में करना होगा स्थानांतरित, सर्वोच्च न्यायालय ने दिया आदेश

Spread the love

नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी और उनकी कस्टडी ट्रांसफर से संबंधित याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को फैसला सुना दिया. सर्वोच्च न्यायालय ने अंसारी को दो सप्ताह के अंदर पंजाब से उत्तर प्रदेश की जेल में स्थानांतरित करने का आदेश दिया है. विशेष न्यायालय तय करेगा कि अंसारी को इलाहाबाद या बांदा में से किस जेल में रखा जाएगा. मामले को लेकर पंजाब सरकार की दलीलों से न्यायालय संतुष्ट नहीं था.

पंजाब सरकार ने रूपनगर जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपने से इनकार कर दिया था. 14 आपराधिक मुकदमों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार अंसारी की कस्टडी का प्रयास कर रही थी. अंसारी जनवरी 2019 से पंजाब की जेल में बंद है, जहां उसे जबरन वसूली मामले में नामजद किया गया था. पंजाब सरकार पर अंसारी को बचाने के आरोप भी लग रहे थे. उत्तर प्रदेश सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर कहा था कि अंसारी की अनुपस्थिति के कारण मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पा रही है.

रिपोर्ट्स के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार की याचिका पर पंजाब सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा दायर कर अंसारी को उत्तर प्रदेश सरकार की हिरासत में देने से इनकार किया था. पंजाब सरकार ने इसका कारण अंसारी के स्वास्थ्य को बताया था. जेल अधीक्षक के माध्यम से दायर हल्फमामे में कहा गया था कि अंसारी कथित तौर पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अवसाद, पीठ दर्द और त्वचा की एलर्जी से पीड़ित है.

याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए पंजाब-सरकार ने कहा था कि वह चिकित्सकों की राय के अनुसार काम कर रही है. अंसारी को उत्तर प्रदेश से दूर रखने के लिए कोई पूर्वकल्पित साजिश नहीं थी. हलफनामे में कहा गया था कि याचिका विचार करने योग्य नहीं है क्योंकि पंजाब में अंसारी को हिरासत में रखे जाने को उत्तर प्रदेश अपने मौलिक अधिकार के उल्लंघन का दावा नहीं कर सकती.

उत्तर प्रदेश सरकार ने याचिका में कहा था कि राज्य में अंसारी के खिलाफ गंभीर मुकदमे लंबित हैं, लेकिन इसके बावजूद अंसारी एक छोटे अपराध के मामले में दो वर्ष से पंजाब की जेल में है. अदालत ने कई बार अंसारी को पेशी वारंट जारी किया, लेकिन जेल अथॉरिटी स्वास्थ्य का हवाला देते हुए अंसारी को भेजने में टालमटोल कर रही थी.

सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद प्रयागराज की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट यह तय करेगी कि अंसारी को बांदा की जेल में रखा जाएगा या फिर किसी अन्य जेल में. जस्टिस अशोक भूषण और आर सुभाष रेड्डी की पीठ ने निर्देश दिया कि अंसारी को दो हफ्ते के अंदर उत्तर प्रदेश स्थानांतरित किया जाए.

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *