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औरंगजेब के दबाव में पूर्वजों ने अपनाया था मुस्लिम धर्म, अब उनके वंशजों ने हिन्दू धर्म अपना कर की घर वापसी

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मुस्लिम धर्म छोड़ अपनाया हिन्दू धर्म, जनेऊ किया धारण, आर्य समाज पद्धति से हुई पूजा

सोनीपत. गोहाना के गांव कासंडा में करीब 35 ग्रामीणों ने मंगलवार को मुस्लिम धर्म छोड़ कर हिन्दू धर्म अपना कर घर वापसी की है. हवन के बाद हिन्दू धर्म अपनाने वाले ग्रामीणों ने जनेऊ धारण किया. जींद जिले के कालवा गांव स्थित गुरुकुल से पहुंचे आचार्य यशवीर और आचार्य कृष्ण ने ग्रामीणों की आर्य समाजी पद्धति से हिन्दू धर्म में वापसी करवाई. हिन्दू धर्म में शामिल हुए लोगों ने कहा कि उनके पूर्वजों ने औरंगजेब के शासन काल में दबाव में हिन्दू धर्म को छोड़ा था. अब उन्हें सच्चाई का ज्ञान हो चुका है, इसलिए अब वह अपनी मर्जी से हिन्दू धर्म अपना कर घर वापसी कर रहे हैं. ग्रामीणों ने गठवाला खाप के दादा बलजीत सिंह मलिक व गांव की सरपंच निशा की मौजूदगी में हिन्दू धर्म अपनाया. हिन्दू धर्म में शामिल होने वाले ओमप्रकाश पंच, राजेश ने कहा कि उनके पूर्वज पहले हिन्दू थे और औरंगजेब के शासन काल में दबाव के चलते धर्म परिवर्तन किया था. उनका गोत्र राजपूत भट्टी है जो कहीं भी मुस्लिम धर्म में नहीं है.

हवन और आर्य समाजी तरीके से हुई पूजा
गठवाला खाप के दादा बलजीत सिंह मलिक के पास सोमवार को कासंडा गांव के ग्रामीणों ने फोन किया कि गांव के मुस्लिम परिवार दोबारा हिन्दू धर्म में शामिल होना चाहते हैं. इस पर कालवा गांव स्थित गुरुकुल से संपर्क किया गया. मंगलवार को गुरुकुल से आचार्य यशवीर और आचार्य कृष्ण गांव कासंडा पहुंचे. गांव में हवन करवाया गया और आर्य समाजी तरीके से पूरे विधि-विधान से मुस्लिम परिवारों को हिन्दू धर्म में शामिल करवाया गया.

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सबको पटका पहना कर किया गया सम्मानित
आचार्यों ने कहा कि इन ग्रामीणों को हिन्दू समाज पूरा मान-सम्मान देगा. परिवारों ने जनेऊ धारण किया, हवन में आहुति डाली और उसके बाद दादा बलजीत सिंह मलिक ने सब को पटका पहनाया. ओम प्रकाश ने अपने सगे भाई जय सिंह, मजीद और शेर सिंह के साथ गन्नौर में उनके रिश्तेदार सुभाष पुत्र मंगल सिंह के परिवार के साथ हिन्दू धर्म ग्रहण किया. रफीक पुत्र शेर बहादुर का परिवार भी हिन्दू धर्म में शामिल हो गया. सभी को सत्यार्थ प्रकाश के साथ दो भाइयों की बातें पुस्तकें भेंट की गईं.

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