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नगालैंड को मिला पहला मेडिकल कॉलेज, एमबीबीएस की 100 सीटें होंगी

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कोहिमा. नगालैंड को पहला मेडिकल कॉलेज मिल गया. शनिवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने नगालैंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च (एनआईएमएसआर) का उद्घाटन किया. मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, उप मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग, मंत्रीमंडल के सदस्यों, विधायकों और नौकरशाहों की उपस्थिति में उद्घाटन समारोह में मोनोलिथ का अनावरण किया.

मेडिकल कॉलेज में 100 सीटें होंगी, जिनमें 85 नगालैंड और 15 अन्य राज्यों के लिए निर्धारित की गई हैं. समारोह में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य का पहला मेडिकल कॉलेज न केवल चिकित्सा शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि यह एक अनुसंधान केंद्र भी होगा.

प्रधानमंत्री के नेतृत्व में केंद्र सरकार पूर्वोत्तर सहित देश के हर हिस्से में स्वास्थ्य सुविधाएं स्थापित कर रही है. समय की मांग को देखते हुए मेडिकल और नर्सिंग शिक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता है. वर्ष 2014 में देश में लगभग 64 हजार एमबीबीएस सीटें थीं और अब इसमें कई गुना वृद्धि हुई है. इसी तरह पीजी सीटें भी पिछले नौ वर्षों में दोगुनी हो गई हैं. एनआइएमएसआर सिर्फ मेडिकल कालेज नहीं है, बल्कि शोध संस्थान भी है.

मुख्यमंत्री रियो ने कहा कि यह नगालैंड के लोगों के लिए एक ऐतिहासिक दिन है. क्योंकि उनका मेडिकल कॉलेज का सपना पूरा हो गया है. राज्य में डॉक्टरों की भारी कमी है और माध्यमिक और तृतीय स्तर की स्वास्थ्य देखभाल में भी कमियां हैं. उन्हें उम्मीद है कि नई सुविधा उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विकसित होगी. एनआईएमएसआर में पढ़ने के लिए दूसरे राज्यों से आने वाले छात्रों के लिए विशेष देखभाल और प्यार सुनिश्चित करने का आग्रह किया, ताकि वे राज्य के राजदूत बन सकें.

कैंसर सेंटर भी होगा

एनआईएमएसआर को अप्रैल में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से शैक्षणिक वर्ष 2023-2024 तक 100 एमबीबीएस छात्रों के प्रवेश के लिए अनुमति मिली. मांडविया ने शिलांग में नार्थ ईस्टर्न इंदिरा गांधी रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेस (एनईआइजीआरआईएचएमएस) में नए कैंसर सेंटर, नर्सिंग कालेज की नई इमारत, हॉस्टल, आठ मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर, वर्चुअल अटोप्सी और नए गेस्ट हाउस का भी उद्घाटन किया.

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