करंट टॉपिक्स

राष्ट्रीय शिक्षा नीति – शिक्षकों में ‘विद्यार्थी केंदित शिक्षा’ के दृष्टिकोण के भाव की आवश्यकता

Spread the love

भोपाल. चिल्ड्रन यूनिवर्सिटी गुजरात के पूर्व कुलपति दिव्यांशु दवे ने राज्य शिक्षा केन्द्र एवं विद्या भारती द्वारा आयोजित शैक्षिक संगोष्ठी में कहा कि पंचमहाभूतों के साथ बच्चों का घनिष्ठ नाता है. ‘क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा. पंचतत्व यह रचा शरीरा’. मृदा के साथ खेलने वाले बच्चे रोग प्रतिरोधक अधिक होते हैं. कला एवं क्राफ्ट के साथ जुड़ना, पौधा, जानवर से जुड़ाव, मानव समाज से जुड़ाव यह बच्चों का स्वभाव होता है. यह गतिविधियां शिशु शिक्षा में जोड़ी गई हैं. बच्चों में संस्कार एवं चरित्र निर्माण हेतु अपने पूर्वजों के साथ जुड़ाव होना भी आवश्यक है. यह जुड़ाव सांस्कृतिक कार्यक्रमों में झलकना चाहिए. राष्ट्रभक्ति गतिविधियों के माध्यम से भी सिखायी जा सकेगी. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में खेल-खेल के माध्यम से बच्चों की क्षमताओं एवं दक्षताओं का विकास होगा. इस हेतु शिक्षकों को अपनी भूमिका बदलना आवश्यक है.

संगोष्ठी में मुख्य अतिथि स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इन्दर सिंह परमार ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुपालन और क्रियान्वयन के लिए समाज और सरकार दोनों ही प्रतिबद्ध हैं. उच्च शिक्षा से ज्यादा पूर्व प्राथमिक शिक्षा पर जोर देने की आवश्यकता है. शिक्षा पद्धति में शिशु शिक्षा महत्वपूर्ण पड़ाव है, जहां बच्चों को स्वाभाविक प्रवृत्ति और खेल खेल में सीखने के लिए प्रेरित करना होगा. विद्यार्थी केंद्रित शिक्षा देने के संकल्प के साथ शिक्षकों को प्रयास करना होगा. बच्चों में भारतीय शिक्षा दर्शन के अनुरूप शिक्षा पद्धति के क्रियान्वयन के लिए स्कूल शिक्षा के साथ साथ आंगनवाड़ी केंद्रों में इस दृष्टिकोण को स्थापित करने की आवश्कता है, जिससे पूर्व प्राथमिक शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का क्रियान्वयन हो सके. वह राज्य शिक्षा केंद्र एवं विद्या भारती मध्यभारत के संयुक्त तत्वाधान में महर्षि पतंजलि संस्कृत संस्थान सभागृह भोपाल में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के परिप्रेक्ष्य में प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा (ECCE) स्वरूप एवं संकल्पना विषय आधारित शैक्षिक संगोष्ठी में सम्मिलित हुए.

उन्होंने कहा कि भाषा जोड़ने का काम करती है. इसी अवधारणा को परिलक्षित करने के उद्देश्य से प्रदेश में स्कूली शिक्षा में तमिल, कन्नड़, गुजराती आदि क्षेत्रीय भाषाओं को सिखाने का कार्य भी किया जाएगा, जिससे यहां के बच्चे अन्य राज्यों की भाषाएं सीखकर लोक व्यवहार और संवाद में पूर्ण हो सकें. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए शिक्षकों में विद्यार्थी केंद्रित शिक्षा के दृष्टिकोण के भाव का स्थापित होना आवश्यक है. प्रदेश में शिक्षकों के प्रशिक्षण के लिए शिक्षक प्रशिक्षण नीति बनाई गई है.

कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती मध्यप्रांत के डॉ. रामकुमार भावसार ने किया एवं नियंत्रक राज्य शिक्षा केंद्र अशोक पारिख ने आभार व्यक्त किया.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *