प्रयागराज.
भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक यात्रा, आस्था के महापर्व ‘महाकुम्भ’ के शुभ अवसर पर पुण्यभूमि प्रयागराज में नेत्र कुम्भ-2025 का आयोजन होने जा रहा है. पवित्र गंगा, यमुना और सरस्वती के ‘त्रिवेणी संगम’ के तट पर स्थित तीर्थों में प्रमुख तीर्थराज प्रयाग साधु सन्तों की तपोस्थली रही है. ‘कुम्भ मेला’ यूनेस्को की प्रतिनिधि सूची में मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत के रूप में अंकित है. यह आस्था की सामूहिक तीर्थयात्रा एवं समाज के सभी वर्गों का दिव्य आयोजन है. यह मेला धार्मिक एवं सामाजिक समरसता का विशाल पर्व है. यहाँ मानवीय संवेदना की दिव्य अनुभूति का प्रत्यक्ष दर्शन होता है. वास्तव में यह आत्मबोध का प्रतीक है.
‘सर्वेन्द्रियाणां नैनम् प्रधानम्’ इस उक्ति को ध्यान में रख कर सम्पूर्ण देश में अन्धत्व मुक्ति हेतु एक अभियान ‘सक्षम’ संगठन की ओर से चलाया जा रहा है क्योंकि प्राणीमात्र के शरीर में सर्वाधिक उपयोगी यदि कोई अंग है तो वह उसके नेत्र ही हैं. इसलिए नेत्र कुम्भ का ध्येय वाक्य ‘पश्येम शरदः शतम्’ रखा गया है, जिसका अर्थ है प्रभु निर्मित इस सुन्दर सृष्टि को हम 100 वर्षों तक भली प्रकार से देखें. इसी परिकल्पना के साथ नेत्र कुम्भ की योजना रचना बनी है.
सम्पूर्ण भारत में लगभग 5 करोड़ विभिन्न प्रकार के दिव्यांगजन हैं. इन दिव्यांगजनों में 1 करोड़ 25 लाख से अधिक दृष्टि दिव्यांग हैं. वास्तव में जागरूकता के अभाव में बड़ी संख्या में लोग आँख की रोशनी खो देते हैं. यह ऐसा अन्धत्व है, जिसे समुचित चिकित्सा द्वारा दूर किया जा सकता है. लेकिन समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध न होने के कारण यह संभव नहीं हो पाता. भारत में लाखों की संख्या में लोग कॉर्निया की खराबी व अनुपलब्धता के कारण अन्धत्व से पीड़ित हैं. नेत्रदान को लेकर जागरूकता देश में बढ़े तो भारत कॉर्निया- अन्धत्व से पूरी तरह मुक्त हो सकता है और अपने पड़ोसी देशों को भी कॉर्निया उपलब्ध करवा सकता है. लेकिन अभी जागरूकता की आवश्यकता दिखाई देती है.
पवित्र संगम के किनारे इस वर्ष भव्य महाकुम्भ का आयोजन होने जा रहा है. इस पवित्र अवसर को निमित्त मानकर स्वास्थ्य सेवा की दृष्टि से निःशुल्क नेत्र जाँच, दवा, चश्मा वितरण एवं सभी प्रकार के ऑपरेशन का विशाल आयोजन नेत्र कुम्भ-2025 के रूप में सुनिश्चित हुआ है. आयोजन को सफल बनाने हेतु देश की अग्रणी सेवाभावी संस्थाएँ ‘सक्षम’, ‘द हंस फाउंडेशन’, ‘स्वामी विवेकानन्द हेल्थ मिशन’, ‘श्री भाऊराव देवरस न्यास’, ‘श्री रज्जू भैया सेवा न्यास’, ‘नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन’ एवं ‘सेवा भारती’ इत्यादि विभिन्न संगठनों के सहयोग से यह महा-आयोजन होने जा रहा है.
नेत्र कुम्भ का आयोजन प्रथमतः वर्ष 2019 में प्रयागराज में ही कुम्भ के सुअवसर पर हुआ था, जहां 2 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के नेत्र जाँच करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इसमें 155000 से अधिक लोगों को निःशुल्क चश्मा वितरण किया गया, साथ ही लगभग 23000 से अधिक लोगों की नेत्र कुम्भ के बाद विभिन्न प्रकार के रोग सम्बन्धित आँखों की शल्य चिकित्सा (ऑपरेशन) भी करवायी गई, तत्पश्चात् वर्ष 2021 में हरिद्वार में कुम्भ के अवसर पर कोरोना की महामारी का सामना करते हुए भी 48000 श्रद्धालुओं के नेत्रों की जाँच करवायी गई तथा 38000 निःशुल्क चश्मों का वितरण भी किया गया. दो बार की भव्य सफलता के क्रम में यह हमारा तीसरा आयोजन है. आयोजन में विशेष बात यह है कि नेत्र कुम्भ के साथ-साथ व उसके पश्चात् भी लगभग 50000 से अधिक लोगों के नेत्र सम्बन्धी विभिन्न प्रकार के निःशुल्क ऑपरेशन की सुविधा उनके स्थायी निवास स्थान के निकटतम नेत्र चिकित्सालय में करवाने की व्यवस्था की गई है.