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निकिता तोमर हत्याकांड – तौसीफ और रेहान को उम्रकैद की सजा, 20-20 हजार रु. जुर्माना भी लगाया

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फरीदाबाद. निकिता तोमर हत्याकांड में फरीदाबाद की अदालत ने आज दोषियों को सजा सुनाई. अदालत ने हत्याकांड में दोषी तौसीफ और रेहान को उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके साथ ही दोनों दोषियों पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने तौसीफ और रेहान को 24 मार्च को दोषी करार दिया था. अदालत ने तौसीफ और रेहान को भारतीय दंड संहिता की धाराओं 302 (हत्या), 366 (एक महिला का अपहरण कर उसे शादी के लिए मजबूर करना) और 120-बी/34 (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया था. तौसीफ को आर्म्स एक्ट के तहत भी दोषी पाया गया था.

अभियोजन पक्ष के अधिवक्ता ऐदल सिंह ने बताया कि इस मामले में कुल 57 गवाहों की गवाही हुई है. इस मामले को 26 मार्च को पांच माह हो जाएंगे. हत्या के 11 दिन बाद पुलिस ने अदालत में आरोप पत्र दायर कर दिया था.

‘अंकित’ बनकर की थी निकिता से दोस्ती

जांच के दौरान पता चला कि तौसीफ ने खुद का नाम अंकित बताकर उससे दोस्ती की थी. तौसीफ को लगता था कि दोस्ती की शुरुआत में कहीं धर्म बीच में न आ जाए. हालांकि यह बात ज्यादा दिन छिप नहीं पाई और उसके असली नाम का पता चल गया. तौसीफ के असली नाम का उस समय पता चला जब तौसीफ को उसके एक साथी ने स्कूल में उसे असली नाम से पुकारा.

परिवार की तरफ से यह भी बताया गया कि तौसीफ कुछ दिनों से शादी का दबाव बना रहा था. उसने निकिता से जबरदस्ती दोस्ती भी करनी चाही, निकिता के मना करने पर तौसीफ ने उसको गोली मार दी थी. अस्पताल में इलाज के दौरान निकिता की मौत हो गई थी. यह घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी, जिसके आधार पर आरोपियों की पहचान करके तौसीफ व रेहान को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. मामले में तीसरे आरोपी अजरुद्दीन ने तौसीफ को हथियार उपलब्ध कराया था.

इससे पहले आरोपी ने साल 2018 में भी निकिता का अपहरण कर शादी का दबाव बनाया था. निकिता के परिजनों ने FIR दर्ज कराई थी, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी तौसीफ को गिरफ्तार भी किया था, लेकिन उसके परिवार वाले हाथ-पैर जोड़ने लगे और निकिता के परिवार ने मामला वापस लेते हुए समझौता कर लिया था. इसके बाद भी तौसीफ ने निकिता को परेशान करना नहीं छोड़ा.

एसआईटी की टीम ने की थी मामले की जांच

मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने जांच एसआईटी को सौंपी थी. एसआईटी की टीम ने पांच घंटे के अंदर मुख्य हत्यारोपी तौसीफ को सोहना से गिरफ्तार कर लिया था. उसके साथी रेहान और हथियार उपलब्ध कराने वाले अजरू को भी पुलिस ने पकड़ा था. तमाम साक्ष्यों और सबूतों को एकत्र कर 11 दिन में ही 700 पेज की चार्जशीट तैयार करके छह नवंबर को कोर्ट में दाखिल की.

मुख्य आरोपी तौसीफ राजनीतिक रसूखदार परिवार से संबंध रखता है. तौसीफ के दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं. तौसिफ का चचेरा भाई आफताब अहमद मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक है. आफताब अहमद के पिता खुर्शीद अहमद, हरियाणा के पूर्व मंत्री रह चुके हैं. तौसिफ के सगे चाचा जावेद अहमद सोहना विधानसभा से बसपा की टिकट पर चुनाव लड़े और हार गए.

 

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