श्रीनगर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट बार एसोसिएशन (जेकेएचसीबीए) को सोमवार (09 नवंबर) तीन नोटिस जारी किये हैं. नोटिस में श्रीनगर प्रशासन ने जेकेएचसीबीए को कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताने के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है. साथ ही जम्मू-कश्मीर बार एसोसिएशन के संगठनात्मक चुनाव पर भी रोक लगा दी है. प्रशासन ने एसोसिएशन को पंजीकरण व अन्य आवश्यक दस्तावेज भी जिला मजिस्ट्रेट श्रीनगर के कार्यालय में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है.
श्रीनगर के जिलाधिकारी शाहिद इकबाल चौधरी ने बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को नोटिस जारी कर उन्हें बार के संविधान के बारे में बताने को कहा है, जिसमें कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताया गया है. नोटिस में कश्मीर बार के गठन का हवाला दिया गया है, जिसके लक्ष्यों में ‘कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान के वृहद मुद्दे सहित जनता से जुड़े मुद्दों के समाधान के लिए कदम उठाकर रास्ते तलाशने की बात कही गयी है.’
उपायुक्त द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘आपको इस विषय पर स्पष्टीकरण देना होगा क्योंकि यह भारत के संविधान के अनुरूप नहीं है. जम्मू कश्मीर देश का अखंड हिस्सा है, ना कि विवादित क्षेत्र और यह अधिवक्ता अधिनियम, 1961 के अनुरूप भी नहीं है.’’ बार से उसके एसोसिएशन के प्रावधानों, पंजीकृत कार्यालय, कार्यकारिणी और पंजीकरण की वैधता सहित अन्य विवरण को लेकर सक्षम प्राधिकार द्वारा जारी एक प्रमाणपत्र सौंपने को कहा गया है. नोटिस में कहा गया है कि जिलाधिकारी को जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के वकीलों से निवेदन मिला है, जिसमें चुनाव प्रक्रिया को लेकर गंभीर आरोप लगाए गए हैं. इसलिए रूख स्पष्ट किए जाने तक जेकेएचसीबीए को चुनाव की अनुमति नहीं होगी.
नोटिस में कहा गया है कि एसोसिएशन का यह एजेंडा किसी भी तरह से भारतीय संविधान के अनुरूप नहीं है. जम्मू-कश्मीर कोई विवादित क्षेत्र नहीं है, बल्कि यह भारत का एक अभिन्न और अविभाज्य अंग है.