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पांच लाख का ईनामी कुख्यात नक्सली कुंजम हिडमा गिरफ्तार

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रायपुर, छत्तीसगढ़।

माओवादी आतंकियों के खिलाफ टलाए जा रहे अभियान में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। सुरक्षा बलों ने कुख्यात और वांछित माओवादी नेता कुंजम हिडमा को गिरफ्तार किया है। हिडमा को कोरापुट जिले के बाईपारिगुड़ा थाना क्षेत्र के पेठागुड़ा जंगल से गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने एक AK-47 राइफल सहित अन्य हथियार बरामद किए हैं। सुरक्षा बलों को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ माओवादी क्षेत्र में छिपे हुए हैं। सूचना के आधार पर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, जिसमें पेठागुड़ा के घने जंगल में छिपे कुंजम हिडमा को घेरकर गिरफ्तार किया गया। कुंजम हिडमा पर पांच लाख रुपये का ईनाम घोषित था।

हिडमा के पास से सुरक्षा बलों ने एक एके-47 राइफल, 34 राउंड गोली, 27 इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 90 नॉन इलेक्ट्रिक डेटोनेटर, 2 किलो गन पाउडर, 2 स्टील कंटेनर, 2 रेडियो, 1 ईयरफोन, एक मोटोरोला वॉकीटॉकी और उसकी बैटरी, 2 चाकू, 1 कटारी, माओवादी से जुडे किताबें आदि बरामद की गई हैं।

हथियारों की बरामदगी से साफ होता है कि हिडमा किसी बड़ी घटना की तैयारी में था। कुंजम हिडमा नक्सल संगठन का एरिया कमेटी मेंबर (ACM) था। हिडमा की गिरफ्तारी को नक्सल नेटवर्क पर बड़ी चोट माना जा रहा है। इससे न केवल माओवादियों के मनोबल को झटका लगा है, बल्कि उनके नेटवर्क को कमजोर करने में भी मदद मिलेगी।

14 साल की उम्र में बना था नक्सली

सुरक्षा बलों ने बताया कि हिडमा ने माओवादी संगठन को 14 साल की आयु में 2007 में ज्वाइन किया था, इस दौरान माओवादी संगठन के बाल संघम और जन नाट्य मंडली में काम किया। 2007 से 2013 तक वह बाल संघम और जेएनएम से जुड़ा रहा। फिर 2013 से 2015 के बीच उसने उसूर लोकल ऑर्गनाइजेशन स्क्वाड (एलओएस) के तहत पार्टी सदस्य के रूप में काम किया और सैन्य प्रशिक्षण हासिल किया, इसी दौरान उसे संगठन की ओर से सिंगल-शॉट राइफल दी थी।

फिर 2016 में उसने एओबी (आंध्र ओडिशा बॉर्डर) प्लाटून में काम करना शुरू किया और बाद में 2019 में उसे एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) के पद पर प्रमोट किया गया और एक एसएलआर राइफल दी गई। इसने सुरेश (एसजेडसीएम) के अधीन भी एक सैन्य प्लाटून में काम किया, जो कोरापुट जिले के बोइपारीगुडा क्षेत्र, मलकानगिरी जिले (ओडिशा) के कट-ऑफ क्षेत्र और एएसआर जिले (आंध्र प्रदेश) के पेदाबैलु क्षेत्र में कार्यरत था।

इसके बाद 2021-2022 के दौरान, छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के पामेड़ क्षेत्र में कार्यरत एओबी प्लाटून सेक्शन-01 में नियुक्त किया गया था। 2023 में, सुकमा जिले के अंतर्गत केरलपाल क्षेत्र में प्लाटून-24 में ट्रांसफर कर दिया गया और 2024 में, अस्थायी रूप से प्लाटून-26 में भेजा गया, जो सुकमा के मालेंगिरी क्षेत्र में है। वह मई 2025 में एओबी इकाई में लौट आया और तब से एक्टिव था।

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