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इस्लामाबाद में श्री कृष्ण मन्दिर के विरोध ने स्वयं-सिद्ध किया सीएए का औचित्य – विहिप

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Dr. Surender Jain

नई दिल्ली. विश्व हिन्दू परिषद् ने कहा कि इस्लामाबाद में श्री कृष्ण मंदिर की स्थापना का हिंसक व हिन्दुओं के प्रति घृणा से भरा व्यापक विरोध पाकिस्तान में हिन्दुओं की दुर्दशा को बताने के लिए पर्याप्त है. विहिप के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा कि जब एक पाकिस्तानी पूर्व जज यह कहता है कि पाकिस्तान में मंदिर निर्माण गैर संवैधानिक और शरीयत विरोधी है तो वहां हिन्दू समाज के अस्तित्व की संभावनाएं तो स्वत: समाप्त हो ही जाती हैं, साथ ही, नागरिकता संशोधन अधिनियम का औचित्य भी स्वयं-सिद्ध हो जाता है.

कर्णावती में विहिप ने उत्तर गुजरात प्रांत की बैठक के समापन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहा कि 5 साल के बच्चे से लेकर मुल्ला-मौलवी तक पाकिस्तान में मंदिर बनने पर हिन्दुओं के कत्लेआम की धमकी दे रहे हैं. हिन्दू लड़कियों का जबरन अपहरण, बच्चों की जबरन सुन्नत और हिन्दुओं के सार्वजनिक अपमान के कारण अपनी इज्जत, जीवन व स्व-धर्म की रक्षार्थ यदि वे भारत में नहीं आएंगे तो आखिर कहां जाएंगे?

उन्होंने पूछा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम का विरोध करने वाले क्या पीड़ित हिन्दुओं के साथ इस्लामिक अत्याचारियों को भी भारत बुलाना चाहते हैं? क्या बलात्कार की पीड़ित ग्रंथी की बच्ची के साथ वे बलात्कारी को भी भारत बुलाना चाहते हैं?  CAA का विरोध वास्तव में मानवता का भी विरोध है.

डॉक्टर वणीक्कर भवन, अहमदाबाद में उत्तर-गुजरात प्रांत की बैठक में बताया गया कि प्रांत के 750 स्थानों पर 3000 कार्यकर्ताओं ने भोजन वितरण, मास्क वितरण, काढ़े का वितरण आदि सेवा कार्य किए, जिनसे सवा लाख  से अधिक लोग लाभान्वित हुए. सभी कार्यकर्ताओं ने संकल्प लिया कि अब उत्तर गुजरात के सभी खंडों में विहिप की समिति बनाई जाएगी और रक्षाबंधन पर सब स्थानों पर कोरोना योद्धाओं को रक्षा सूत्र भेजे जाएंगे. बैठक की अध्यक्षता विहिप के क्षेत्र अध्यक्ष एडवोकेट दिलीप भाई ने की.

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