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हमारा देश अतीत में समृद्ध रहा है और समाज की ताकत से भविष्य में भी समृद्ध होगा

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पिथौरागढ़, उत्तराखंड.

जिले के सीमांत क्षेत्र (मुआनी) में पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने शेर सिंह कार्की सरस्वती विहार विद्यालय के नव निर्मित भवन को आज क्षेत्र की जनता को समर्पित किया. लोकार्पण कार्यक्रम के अवसर पर सरसंघचालक जी ने चंदन का पौधा रोपा. सीमांत जनजाति समुदाय ने सरसंघचालक जी का परम्परागत रीति से स्वागत किया.

भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि डॉ. भागवत ने सीमांत क्षेत्र में आकर स्थानीय जनता के आग्रह को स्वीकार कर हमें कृतार्थ किया. उन्होंने कहा कि ये नव निर्मित विद्यालय परिसर दूरस्थ क्षेत्र में भारतीय संस्कृति की शिक्षा देने के लिए वचनबद्ध है और ये भविष्य में छात्रावास विद्यालय का रूप लेगा. व्यवस्थापक श्याम अग्रवाल ने कहा कि हमारी भविष्य की योजना, भारतीय संस्कारों और नई शिक्षा नीति को अंगीकार करते हुए एक विश्वविद्यालय स्थापित करने की है. अध्यक्षीय भाषण में वीसी उत्तराखंड ओपन यूनिवर्सिटी ओम प्रकाश सिंह नेगी ने सभी का आभार प्रकट किया.

सरसंघचालक जी ने देवभूमि उत्तराखंड को नमन करते हुए कहा कि यहां देव लोग रहते हैं. इस पवित्र कार्य में हम सब भागीदार हो रहे हैं. हम सबका सपना है कि देश अच्छा हो, लोग सुखी हों, इसके लिए सबका प्रयास जरूरी है. सरसंघचालक जी ने ‘विद्या भारती’ शिक्षा पद्धति अपनाने का समर्थन किया.

उन्होंने कहा कि स्कूली शिक्षा केवल उन्हीं के लिए लाभदायक है जो इसका उपयोग करना जानते हैं, और यदि कोई व्यक्ति इसका उपयोग करना नहीं जानता तो उसे इससे कोई विशेष लाभ नहीं होता.

“ऐसे कई महान व्यक्तियों के उदाहरण हैं, जिन्होंने स्कूली शिक्षा न मिलने के बावजूद समाज को दिशा दी है.”

उन्होंने कहा कि सभी को शिक्षा के ‘विद्या भारती’ के लक्ष्य को बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि इससे व्यक्ति को न केवल अपने और अपने परिवार, बल्कि पूरे समाज की देखभाल करने के लिए शिक्षा मिलती है. यह ‘संस्कार’ है और शिक्षा के मूल्य को समझना ही समाज को ताकत देता है. “समाज महान और सर्वोपरि है.”

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा को सीखना और उसका उपयोग आम लोगों की भलाई के लिए करना चाहिए. “दुनिया में कोई भी सरकार युवाओं को केवल 10 प्रतिशत नौकरियां ही दे सकती है, बाकी नौकरियां और व्यवसाय समाज की ताकत और सीखे गए कौशल के प्रयोग से पैदा किए जा सकते हैं.”

हमारा देश अतीत में समृद्ध रहा है और हमारे समाज की ताकत से भविष्य में भी ऐसा ही होगा. “यह समाज ही है जो हमें उद्देश्यपूर्ण जीवन जीना सिखाता है.” “उत्तराखंड एक तपोभूमि है, जहां हजारों ऋषि वर्ष भर तपस्या करते हैं, लेकिन उनकी तपस्या का फल सदैव उनके आसपास रहने वाले अन्य लोगों को ज्ञान प्रदान करता है.”

10 thoughts on “हमारा देश अतीत में समृद्ध रहा है और समाज की ताकत से भविष्य में भी समृद्ध होगा

  1. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम्पूज्य सरसंघचालक महोदय के समस्त उत्कृष्ट वक्तव्य राष्ट्रोत्कर्ष के लिए एवम् अपने देश की एकता सशक्तता सार्वभौमिकता से सम्बद्ध रहता है!

  2. বাংলাদেশে হিন্দুদের উপর যা হচ্ছে তার ব্যাপারে বলা দরকার এবং ভারত সরকার কোন স্টেপ নিচ্ছে না কেন সেটার ব্যাপারেও বলা দরকার ভারতের বিরুদ্ধে তারা এত বড় বড় কথা বলার সাহস পায় কি করে

    1. Bole কিচ্ছু হবে না।
      শিখতে হয়।
      ওদের এবং আমাদের ও।
      যখন সন্ত্রাসবাদীরা আক্রমণ চালায়, victim কান্না কাটি করে ব request করে নিজে কে বাঁচাতে পারবে না। শশক্ত হন, সংগঠিত হন। Stop keeping just লাঠি, চাকু….apply for registered arms

  3. हमारा देश समृद्ध था हम फिर से समृद्धि की तरफ बढ़ रहे हैं जल्द ही हम हमारे देश को पुनः सोने की चिड़िया बना लेंगे और हां अब और कोई दूसरे देश का आकर हम पर शासन नहीं चला पाएगा शिक्षा से लेकर समृद्धि तक फिर समूचे विश्व को हम ही रहा दिखाएंगे हम ही चलाएंगे हमारे देश जैसा और कोई दूसरा देश नहीं हमारे संस्कार हमारी संस्कृति हम जो सम्मान देते हैं हमारी अनेकों बहुभाषी भाषाएं हमारे जैसी कोई भी संस्कृति नहीं मै एक सनातनी हूं हिन्दुस्तानी हूं इसका मुझको गर्व था है और सदा सर्वदा रहेगा जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम धन्यवाद आभार शुक्रिया ॐ नमः ॐ नमः ॐ नमः

  4. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के परम्पूज्य सरसंघचालक महोदय के समस्त उत्कृष्ट वक्तव्य राष्ट्रोत्कर्ष के लिए एवम् अपने देश की एकता सशक्तता सार्वभौमिकता से सम्बद्ध रहता है!

  5. सनातनी मूल्योंऔर संस्कारों से प्रेरित शिक्षित समाज ही देश को उन्नति व समृद्धि सकता है । जय श्री राम 🙏🏼

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