इंदौर. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश सोनी जी ने शाजापुर में आयोजित प्रकट कार्यक्रम में कहा कि आत्मगौरव बोध से जागृत समाज ही भारत को पुनः विश्वगुरु बनाने में समर्थ है. शक्तिशाली भारत में विश्व का कल्याण निहित है, अत: देशभक्ति, सामाजिक दायित्व बोध, संवेदनशीलता और विश्व कल्याण की भारतीय संस्कृति के बोध जागरण द्वारा प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र मंदिर के पुनर्निर्माण में लगना होगा.
मालवा प्रांत के कार्यकर्ता सम्मेलन में आये कार्यकर्ताओं के प्रकट कार्यक्रम में स्वयंसेवकों और समाज जनों से भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने वाले पूर्वजों के स्वप्न का स्मरण करते हुए कहा कि स्वतंत्रता का लक्ष्य विश्व का कल्याण और मार्गदर्शन करने वाले भारत का निर्माण करना था. हज़ारों वर्षों से भारत ने पूरे विश्व को परिवार मानकर प्राणी मात्र के कल्याण का कार्य किया है. आज भी भारत का यही चिंतन व्यवहार में परिलक्षित होता है. कोरोना महामारी के समय दुनिया को वैक्सीन देना हो या संकटग्रस्त देशों की सहायता में भारत सदैव आगे रहता है. भारत को विश्वगुरु बनाने के लिये प्रत्येक नागरिक की भूमिका है. एक आदर्श नागरिक के निर्माण में परिवार की बड़ी भूमिका है, अत: विभिन्न सामाजिक कर्तव्यों से युक्त नागरिक के निर्माण के लिये हमारी परिवार व्यवस्था को बताना अनिवार्य है.
समाज के विभिन्न वर्गों और समूहों में परस्पर स्नेह भाव के संचार से समरस भारत के निर्माण में प्रत्येक नागरिक की भूमिका है. श्रम का सम्मान और हर कार्य में देवत्व का दर्शन हमारी संस्कृति है.
हमारे प्राचीन दर्शन के अनुरूप मनुष्य सहित सभी जीव-जंतुओं के लिये आवश्यक पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों में प्रत्येक व्यक्ति की भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिये. हमारी जीवनशैली और दृष्टि पर्यावरण के संवर्धन वाली होनी चाहिये. स्वदेशी और स्वावलंबन, सभी के जीवन का मंत्र बने. कारीगरी जीवंत हो, विकसित हो और उसकी गुणवत्ता और ग्राह्यता बढ़े.
हमारे तत्वज्ञान और व्यवहारिक पक्ष के अंतर को पाटने के लिये देश के प्रत्येक व्यक्ति को नागरिक कर्त्तव्य और अनुशासन का पालन करना होगा. समाज की समस्याओं के समाधान का दायित्व किसी एक व्यक्ति या संस्था का ना होकर, प्रत्येक व्यक्ति का संकल्प होना चाहिये. राष्ट्र निर्माण के इस कार्य में संघ पूरे समाज को साथ लेकर कार्य करने का आह्वान करता है.