नई दिल्ली. भारतीय रेल कोविड -19 के खिलाफ जंग के क्रम में ऑक्सीजन एक्सप्रेस चला रहा है. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के लिए लिक्विड चिकित्सा ऑक्सीजन (एलएमओ) से भरे टैंकरों को लेकर ये ऑक्सीजन एक्सप्रेस रेलगाड़ियां नासिक और लखनऊ पहुंच गई हैं. इन क्षेत्रों में एलएमओ की आपूर्ति करने के क्रम में कुछ कंटेनरों को नागपुर और वाराणसी में अनलोड किया गया. साथ ही, तीसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस ने आज सुबह लखनऊ से अपनी यात्रा शुरू की.
आंध्र प्रदेश, दिल्ली जैसे राज्य अधिक रेलगाड़ियां चलाने के लिए रेलवे के साथ परामर्श कर रहे हैं. विशाखापत्तनम और बोकारो में भरे गये इन एलएमओ टैंकरों को वर्तमान में भारतीय रेल की रो-रो सेवा के जरिए ले जाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से इस रेलगाड़ी की आवाजाही के लिए लखनऊ से वाराणसी के बीच एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया. इस रेलगाड़ी द्वारा कुल 270 किलोमीटर की दूरी 62.35 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत गति के साथ 4 घंटे 20 मिनट में तय की गई.
अब तक लगभग 150 टन ऑक्सीजन वाले कुल 10 कंटेनरों को ढोया गया है. इन रेलगाड़ियों के जरिए लंबी दूरी के लिए ऑक्सीजन का परिवहन सड़क परिवहन की तुलना में तेज है. सड़क परिवहन के उलट रेलगाड़ियां 24×7 चलती हैं.
भारतीय रेल ने पिछले वर्ष लॉकडाउन के दौरान भी आवश्यक वस्तुओं का परिवहन किया था तथा आपूर्ति श्रृंखला को बरकरार रखा था और आपात स्थितियों के दौरान राष्ट्र की सेवा जारी रखी थी.
नागपुर और लखनऊ पहुंची ऑक्सीजन एक्सप्रेस
ऑक्सीजन की कमी को दूर करने के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस (Oxygen Express) चलाई है. इसी क्रम में बोकारो स्टील प्लांट से पहली खेप लेकर ऑक्सीजन एक्सप्रेस लखनऊ पहुंची है. तीन टैंकरों में 60 हजार लीटर लिक्विड ऑक्सीजन है. ऑक्सीजन एक्सप्रेस के लिए विशेष तौर पर ग्रीन कॉरिडोर बनाया है. यानि ट्रेन बिना कहीं रुके सीधे पहुंचेगी.
इससे पहले गुरुवार देर रात ऑक्सीजन टैंकरों से भरी पहली ऑक्सीजन एक्सप्रेस विशाखापट्टनम से महाराष्ट्र के लिए रवाना हुई थी. शुक्रवार शाम को वह नागपुर पहुंच गई. नागपुर के एडिशनल म्यूनिसिपल कमिश्नर जलज शर्मा ने बताया कि हमें 15 मीट्रिक टन की क्षमता वाले तीन टैंकर मिले हैं.