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पाकिस्तान – सरकार और सेना के खिलाफ जनता के साथ पुलिस भी

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वैश्विक आतंक का पोषक, लोकतंत्र के नाम पर कलंक, सेना और आतंकियों की कठपुतली बना पाकिस्तान कोरोना काल में अपने नागरिकों की जिंदगी के साथ भी खिलवाड़ कर रहा है. बाजवा और नियाजी के विरुद्ध गुजरांवाला से लेकर कराची और इस्लामाबाद की सड़कों पर एकत्रित हो रहा जनसैलाब इमरान और बाजवा के लिए बड़ी खतरे की घंटी है. बलूचिस्तान और गिलगित बालटिस्तान की जनता आजादी के लिए संघर्ष कर रही है. गिलगित और बाल्टिस्तान के राजनीतिक नेताओं ने अपने इलाके में चल रहे चीन के वन बेल्ट-वन रोड अभियान को तत्काल रोके जाने की मांग की है. उनका कहना है कि चीन-पाकिस्तान इकॉनोमिक कॉरीडोर से होकर ही कोरोना वायरस गिलगित, बाल्टिस्तान में पहुंचा.

यह सर्वविदित है कि 2015 में चीन ने अरब सागर तक अपनी पकड़ को मजबूत करने के लिए चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की शुरूआत की थी. इसी के साथ चीन पाकिस्तान में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया था और आज पाकिस्तान पूरी तरह से ड्रैगन की गोद में बैठ चुका है. पॉल्ट्री फॉर्मिंग में एक अनूठे प्रयोग के आर्थिक मॉडल को मानने वाले इमरान की सोच सबको मालूम है कि  किस तरह से हजारों मुर्गी से उससे ज्यादा अंडे और उससे ज्यादा चूजे बेचे जा सकते हैं.

आतंक और टेरर फंडिंग के चलते पाकिस्तान की अब वैश्विक निगरानी संस्था फाइनेंशियल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से काली सूची में पहुंचने की तैयारी है. बावजूद इसके भारत में आतंकवादी हरकतें जारी रखने के साथ ही सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन जारी है.

दुनियाभर से भीख के कटोरे में एक भी पाई न मिलने के कारण महासंकट के बीच कोरोना महामारी की बढ़ती मार, खस्ताहाल व्यवस्था, बेतहाशा महंगाई, बेकाबू भ्रष्टाचार और चरमरा चुकी क़ानून व्यवस्था से आतंकिस्तान की और इसके मियां मिट्ठू नेताओं की सब ओर से थू-थू हो रही है. भुखमरी की कगार पर अब इमरान सरकारी खजाना भरने की आस में अवाम की रोटी के साथ ही रोशनी भी छिनने को तैयार है. खाने-पीने को पहले से ही मोहताज पाकिस्तानियों को बड़बोले इमरान खान की सरकार ने अब बिजली के दाम बढ़ाकर 5600 करोड़ जुटाने और अंधेरे में धकेलने के पूरे इंतजाम कर लिए हैं. पाकिस्तान में न सिर्फ खाने-पीने की आम चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं, बल्कि पेट्रोल-डीजल के साथ दूध की कीमत भी आम आदमी की पहुंच के बाहर हो गई है. दूध की कीमत 140 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है तो गेंहू 70 रुपये प्रति किलो चल रहा है. रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाली 21 जरूरी चीजे जैसे आटा, दूध, खाने का तेल, मक्खन, चावल और अंडों की कीमतें सबसे ज्यादा बढ़ी है..

हर मोर्चे पर असंतोष और निराशा ने पाकिस्तान के 11 विपक्षी दलों को एक करके मौलाना फजलुर रहमान ने नियाजी और बाजवा के विरुद्ध आवाज बुलंद कर ली है. गुजरांवाला में एक बड़ी रैली के बाद सिंध प्रांत की राजधानी कराची में 11 विपक्षी दलों के महागठबंधन ‘पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट’ (PDM) का 18 अक्तूबर को विशाल जलसा हुआ. नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने रैली में प्रधानमंत्री इमरान खान को ‘कायर और कठपुतली’ करार दिया था तथा फौज के पीछे छिप जाने वाला बताया था. इसी का बदला लेने के लिए कराची के एक होटल से रात 2 बजे के बाद मरियम के कमरे में घुसकर पाक सैनिकों ने शरीफ के दामाद कैप्टेन मोहम्‍मद सफदर को गिरफ्तार कर सिंध के आईजी को भी अगवाकर उनसे जबरन सफदर के खिलाफ एफआईआर लिखने को कहा. मरियम ने आरोप लगाया कि पुलिस ने कराची में होटल के उस कमरे का दरवाजा तोड़ दिया ,जिसमें वे ठहरी हुईं थीं और कैप्टन सफदर को गिरफ्तार कर लिया. विपक्ष और मीडिया ने आरोप लगाया कि पाकिस्‍तानी सेना के अधिकारियों ने 18 अक्तूबर की रात को सिंध के आईजीपी मुश्‍ताक महार का अपहरण कर लिया और उनसे जबरन सफदर के खिलाफ एफआईआर पर हस्‍ताक्षर कराया. सिंध के पुलिस आईजी मुश्‍ताक महार अपने अपहरण से दुखी होकर छुट्टी पर चले गए. आईजीपी मुश्‍ताक के छुट्टी पर जाने के बाद सिंध के 70 से ज्‍यादा शीर्ष पुलिस अधिकारी छुट्टी पर चले गए. इस तरह सिंध पुलिस ने विद्रोह कर बाजवा और इमरान को दिन में ही तारे दिखा दिए. विपक्ष और मीडिया के चौतरफा दबाव के बाद पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को आनन-फानन में जांच के आदेश देने पड़े हैं.

नवाज शरीफ ने ट्वीट करके कहा, ‘कराची की घटना से इस विचार को बल मिलता है कि राज्‍य से ऊपर राज्‍य (पाकिस्‍तान में) है. आपने प्रांतीय सरकार को मिले जनमत का मजाक उड़ाया, परिवार की निजता को तार-तार कर दिया, अपने आदेश को मनवाने के लिए सीनियर पुलिस अधिकारी का अपहरण कर लिया. हमारी सेना की छवि खराब कर दी. आईजीपी का पत्र इस बात की तस्‍दीक करता है कि आपने संविधान को ताक पर रख दिया.’

असल में एक तीर से दो निशाने का इमरान-बाजवा प्लान फ़ेल हो गया. शरीफ और भुट्टो परिवार की नजदीकी और एकता को तोड़ने के साथ ही तेजतर्रार मरियम पर दबाव बनाने के मंसूबे पर पानी फिर गया. विपक्षी नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इमरान और बाजवा को याद दिलाया कि जिस कराची से नवाज के दामाद को गिफ्तार किया गया, वह सिंध प्रांत में आता है और इस प्रांत में हमारी पार्टी की सरकार है. उन्होंने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी से पहले जांच एजेंसियों ने इसकी जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी थी. इसलिए यह एक साजिशन गिरफ्तारी का मामला है.

सब ओर से किरकिरी और थू-थू होने के बाद इमरान और बाजवा ने डैमेज कण्ट्रोल की कोशिश की, जांच के आदेश दिए और आईजी मुश्‍ताक तथा सभी पुलिसकर्मियों से छुट्टी वापस लेने का आग्रह किया. इमरान की सरकार और बाजवा की सेना की इस ओछी हरकत पर पाकिस्तानी मीडिया, विपक्षी पार्टियाँ और जनता कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करवा रहे हैं. सबको मालूम है कि हर मोर्चे पर फेल साबित हो चुके आतंकिस्तान के पीएम इमरान अपनी सरकार के खिलाफ रैलियों में उमड़ रहे जनसैलाब से बेहद चिंतित है. इससे सत्तालोलुप इमरान खान और उनको कठपुतली की तरह चलाने वाली पाकिस्तानी सेना की सांसें तेज हो गई हैं.

प्रस्तुति – सूर्यप्रकाश सेमवाल

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