जयपुर। गत कुछ दिनों से देश के अलग-अलग हिस्सों से पाकिस्तानी जासूस पकड़े जा रहे हैं। अब इसी क्रम में जैसलमेर से एक सरकारी कर्मचारी साकुर खान को खुफिया एजेंसियों की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार किया है। एजेंसियों को पता लगा है कि सीमावर्ती क्षेत्र के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पकड़े गए साकुर खान के बीच भी संबंध हैं, इसकी भी जांच की जा रही है। व्रतमान में रोजगार विभाग जैसलमेर में उसकी पोस्टिंग है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साकुर खान जैसलमेर में पाकिस्तान की सीमा से लगे बाड़ौदा गांव की मांगणिया की ढाणी से आता है। खुफिया एजेंसियां पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों के नेटवर्क को खंगाल रही थीं, तो उसी दौरान उन्हें साकुर खान पर शक हुआ। इसके बाद एजेंसियों ने जांच-पड़ताल की तो चला कि अब तक कम से कम 7 बार पाकिस्तान होकर आया है। पिछले एक सप्ताह से एजेंसियां उस पर नजर रखे हुए थीं।
एजेंसियों को कुछ गड़बड़ लगा तो उन्होंने साकुर को गिरफ्तार कर लिया। उसके फोन से एजेंसियों को पाकिस्तान के कई सारे नंबर्स मिले हैं। उसने कई फाइलों को डिलीट भी किया है, जिसे रिकवर करने के प्रयास किए जा रहे हैं। पूछताछ के दौराव वह किसी भी प्रश्न का संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। खुफिया एजेंसियों को पता चला है कि उसके पाकिस्तानी दूतावास के किसी अधिकारी के साथ भी काफी अच्छे संबंध रहे हैं। साकुर के नाम पर दो बैंक खाते हैं, जिन्हें खंगाला जा रहा है।
मई महीने में ही
इसी माह जैसलमेर जिले से ही पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में 40 वर्षीय पठान खान को गिरफ्तार किया गया था। एडीजी इंटेलिजेंस संजय अग्रवाल ने बताया था कि आरोपी पठान खान लंबे समय से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के हैंडलर के तौर पर काम कर रहा था। पठान भारत-पाक सीमा से सटे क्षेत्रों की संवेदनशील जानकारियां साझा करता था।
जांच में सामने आया था कि पठान खान सेना के सीमावर्ती क्षेत्रों की गतिविधियों पर नजर रखता था और लगातार वीडियो और तस्वीरें पाकिस्तान भेजता था। इसके बदले उसे पाकिस्तान से पैसे मिलते थे। पाकिस्तान में मौजूद ISI हैंडलर्स से लगातार बातचीत के साक्ष्य मिले थे।