मोहाली । लगता है कि पादरी बजिंदर सिंह का घड़ा अब भर चुका है। पादरी बजिंदर सिंह से जुड़े एक के बाद एक विवादित मामले सामने आ रहे हैं। इसी क्रम में 2018 में जीरकपुर की एक युवती से जुड़े बहुचर्चित यौन उत्पीड़न के मामले में मोहाली की पॉक्सो अदालत ने शुक्रवार को पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया है। मामले में 01 अप्रैल को पादरी बजिंदर सिंह को सजा सुनाई जाएगी।
बजिंदर सिंह को जुलाई 2018 में दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था, उस समय वह लंदन जाने की कोशिश कर रहा था। वह ‘द चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विज्डम’ नामक संस्था से जुड़ा हुआ था और खुद को चमत्कारी बताकर बीमारियों को ठीक करने के दावे करता है। उसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल कराए जाते हैं।
अभी हाल ही में पादरी बजिंदर सिंह से जुड़ा एक CCTV वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुआ, जिसमें पादरी बजिंदर सिंह एक महिला और एक पुरुष से मारपीट करता नजर आ रहा है।
जिस मामले में पादरी बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया गया है, उस मामले में पीड़िता की शिकायत पर बजिंदर सिंह सहित सात लोगों के खिलाफ जीरकपुर पुलिस ने मामला दर्ज किया था। इनमें अकबर भट्टी, राजेश चौधरी, सुच्चा सिंह, जतिंदर कुमार, सितार अली और संदीप उर्फ पहलवान के नाम भी शामिल थे। हालांकि, अदालत ने सबूतों के अभाव में छह आरोपियों को बरी कर दिया।
इस मामले की चार्जशीट की मानें तो, बजिंदर सिंह ने ताजपुर गांव स्थित चर्च में नाबालिग पीड़िता के साथ अश्लील हरकतें कीं। वह उसे चर्च के केबिन में अकेले बुलाता और वहां उसका यौन शोषण करता। उसने पीड़िता का फोन नंबर लेकर उसे अश्लील संदेश भी भेजे।
कपूरथला पुलिस द्वारा मामले की जांच के लिए विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया गया था। अब सबकी निगाहें 01 अप्रैल को सुनाए जाने वाले निर्णय पर टिकी हैं, जब अदालत पादरी बजिंदर सिंह को सजा सुनाएगी।