नई दिल्ली. एनआईए विशेष न्यायालय (स्पेशल कोर्ट) ने पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में नौ आरोपियों को दोषी करार दिया है. न्यायालय ने इस बहुचर्चित मामले में 10 आरोपियों में से एक को बरी कर दिया. न्यायालय ने दस आरोपियों में से नौ को दोषी करार दिया, जिनमें इम्तियाज अंसारी, हैदर अली, नवाज अंसारी, मुजमुल्लाह, उमर सिद्धकी, अजहर कुरैशी, अहमद हुसैन, फिरोज असलम, इफ्तेखार आलम शामिल हैं. दोषी करार दिए अपराधियों को सजा एक नवंबर को सुनाई जाएगी. सभी दोषी सिमी से संबंधित बताए जा रहे हैं. सभी 10 आरोपी पटना की बेऊर जेल में बंद हैं.
पटना में 27 अक्तूबर, 2013 को गांधी मैदान में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली के दौरान धमाके हुए थे. भाजपा (BJP) की हुंकार रैली के दौरान सिलसिलेवार बम धमाकों के कारण भगदड़ मच गई थी. गांधी मैदान से पहले एक धमका पटना जंक्शन पर भी हुआ था. पटना में हुए इन सीरियल धमाकों में 7 लोगों की मौत हुई थी, वहीं करीब 89 लोग घायल हुए थे.
पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट केस में NIA ने अगले दिन से ही जांच शुरू कर दी थी. और एक साल के अंदर 21 अगस्त, 2014 को कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इसके बाद NIA की टीम ने इस मामले में हैदर अली, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैशी और तौफिक अंसारी को गिरफ्तार किया था.
पटना के गांधी मैदान ब्लास्ट का मास्टर माइंड हैदर अली और मुजिबुल्लाह था. वह भागने के प्रयास में था, लेकिन तब तक पुलिस मौके पर पहुंच गई और उसे दबोच लिया गया. पूछताछ के दौरान उसने जुर्म स्वीकार कर लिया. पूछताछ में बताया था कि वो अपनी पूरी टीम के साथ गांधी मैदान में हुंकार रैली को दहलाने के लिए पहुंचा था. गिरफ्तार आतंकी इम्तियाज से सख्ती से पूछताछ पर उसने कई नाम उगले. बोधगया ब्लास्ट मामले का खुलासा भी इसी आतंकी के बयान से हुआ था.
गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में एनआईए कोर्ट ने 27 अक्तूबर को फैसला सुनाया. विशेष यह कि गांधी मैदान में धमाके वर्ष 2013 में 27 अक्तूबर को ही हुए थे. रिपोर्ट्स के अनुसार, रैली के दिन पटना में कुल 18 बम प्लांट किए गए थे. रैली स्थल गांधी मैदान में छह धमाके हुए थे.