छबड़ा कस्बे में 11 अप्रैल की घटना को लेकर अपना रोष प्रकट करने के लिए हिन्दू सुरक्षा समिति बारां ने शुक्रवार को अनूठा प्रदर्शन किया. हिन्दू समाज के परिवारों ने अपने-अपने घरों के बाहर 15 मिनट तक धरना देकर छबड़ा हिंसा के मामले में सरकारी रवैये पर विरोध प्रकट किया. धरने के दौरान हिन्दू परिवारों की महिलाओं, पुरुषों व युवक-युवतियों ने भगवा ध्वज तथा विरोध पट्ट लगाकर आक्रोश प्रकट किया. चाकूबाजी, हिंसा, लूटपाट, आगजनी व मारपीट की घटना को लेकर हिन्दू समाज में रोष व्याप्त है. सांकेतिक धरने के माध्यम से न केवल समाज ने रोष व्यक्त किया, बल्कि वर्तमान संकट को देखते हुए अपनी जिम्मेदारी को भी निभाया.
हिन्दू सुरक्षा समिति बारां के तत्वाधान में अनूठे धरना-प्रदर्शन की शुरुआत शुक्रवार सुबह आठ बजे हुई. इसमें हिन्दू परिवारों के सदस्य अपने घर की चौखट, सीढ़ियों, चबूतरे पर आकर बैठे. धरना सवा आठ बजे तक चला. इस दौरान हिन्दू समाज के लोग अपने-अपने हाथों में तख्तियां, झंडियां व पताकाएं लेकर बैठे. कई परिवारजनों ने भारत माता की जय के उद्घोष के साथ अपनी मांगों को लेकर नारे भी लगाए. सांकेतिक धरने को लेकर गुरुवार को हुई बैठक में बारां के सभी व्यापारिक संगठनों, सामाजिक संगठनों, धार्मिक संगठनों के साथ राजनीतिक संगठनों ने भी अपने-अपने स्तर पर व्यापक तैयारियां की थीं.
विश्व हिन्दू परिषद के चित्तौड़ प्रांत के संगठन मंत्री धनराज ने बताया कि निर्दोष हिन्दू समाज के लोगों को प्रशासन द्वारा परेशान करने, झूठे मुकदमे लगाकर हिन्दू समाज के लोगों को पकड़ने, दोषियों को गिरफ्तार नहीं करने, उपद्रवियों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन का रवैया सख्त नहीं होने, व्यापारियों को हुए नुकसान की भरपाई शीघ्रातिशीघ्र करने जैसी मांगों को लेकर धरने का आह्वान किया गया था. इन मांगों को लेकर क्षेत्र के हिन्दू समाज में रोष व्याप्त है.
सांकेतिक धरने में व्यापार महासंघ, अखाड़ा परिषद, व्यायाम शाला, राणा प्रताप सेवा संघ, योग क्लब, हास्य क्लब, विवेकानंद पार्क समिति, बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, सेवा भारती, हिन्दू जागरण मंच, विद्या भारती, किसान संघ और भाजपा सहित सभी सामाजिक धार्मिक, राजनीतिक विचारधारा के लोग शामिल हुए. सरकार व प्रशासन के प्रति गुस्सा भी स्पष्ट दिखाई दे रहा था.
गत 11 अप्रैल को छबड़ा में हुई चाकूबाजी, हिन्दुओं की दुकानों में लूटपाट, आगजनी, हिन्दुओं की गिरफ्तारी व दमन चक्र रोकने और मुस्लिम अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी के विरूद्ध हिन्दू समाज में रोष था.
हिन्दू सुरक्षा समिति के संरक्षक प्रताप सिंह नागदा ने बताया कि कोराना से उत्पन्न परिस्थितियों और दिशा निर्देशों के कारण बड़ा प्रदर्शन संभव नहीं था, स्थाई धरना भी कर पाना संभव नहीं हो पाया. अतः हिन्दू समाज का हर व्यक्ति अपनी बात सरकार और प्रशासन तक कैसे पहुंचाए, उसमें से ध्यान आया कि अपने ही घर के बाहर धरना दे सकते हैं. अबकी बार हिन्दू समाज चुप नहीं बैठेगा, जब तक निर्दोष लोगों लगे झूठे मुकदमे वापस नहीं होंगे, व्यापारियों को मुआवज़ा नहीं मिलेगा व मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. हिन्दू सुरक्षा समिति द्वारा प्रति दिन एक नए स्वरुप में सरकार व प्रशासन के विरुद्ध प्रदर्शन किया जाएगा. उन्होंने कड़े स्वर में कहा यदि सरकार व प्रशासन हिन्दुओं को जल्दी न्याय नहीं देता है तो समिति पूरे हाड़ौती अंचल सहित चित्तौड़ प्रांत स्तर तक धरना देगी.