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बांग्लादेश में कट्टरपंथियों के अत्याचार को उजागर करने वाले भारतीय चैनलों को बैन करने के लिए कोर्ट में याचिका दायर

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बांग्लादेश में हिन्दुओं व अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को भारतीय मीडिया प्रमुखता से प्रकाशित कर रहे हैं, जिससे कट्टरपंथी चिढ़े हुए हैं. और भारतीय मीडिया चैनलों को बैन करने के लिए बांग्लादेश के कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है. तर्क दिया गया है कि भारत का मीडिया भड़काऊ पर खबरें दिखाता है.

ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, याचिका मुस्लिम वकील एखलास उद्दीन भुइयां ने दायर की है. उसी ने इस बात की भी पुष्टि की कि उसके आवेदन पर बांग्लादेश उच्च न्यायालय में सुनवाई हो सकती है, जिसमें जज के तौर पर जस्टिस फातिमा नजीब और जस्टिस सिकंदर महमुदूर रजी शामिल रहेंगे. याचिका में कोर्ट से टीवी नेटवर्क ऑपरेशन एक्ट 2006 की धारा 29 के तहत स्टार प्लस, रिपब्लिक बांग्ला, स्टार जलसा, जी बांग्ला सहित दूसरे चैनल्स पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध की मांग की है.

अपनी याचिका में दलील दी है कि भारत से चलने वाले टीवी चैनलों पर बांग्लादेशी संस्कृति के खिलाफ अनियंत्रित कंटेंट प्रसारित किया जा रहा है, जिससे बांग्लादेशी युवाओं के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है. वकील का आरोप है कि भारतीय टीवी चैनल बांग्लादेशी सरकार के नियमों की अवहेलना कर रहे हैं.

बांग्लादेश में 5 अगस्त को शेख हसीना के तख्तापलट के बाद मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार में लगातार अल्पसंख्यकों विशेषकर हिन्दुओं पर अत्याचार किए जा रहे हैं. जिसके बाद भारत ही नहीं, दुनियाभर के लोग बांग्लादेशी हिन्दुओं की सुरक्षा को लेकर विरोध कर रहे हैं. उन्हीं की आवाजों को भारत का मीडिया उठा रहा है तो इससे मुस्लिम कट्टरपंथियों को कष्ट हो रहा है.

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