मेरठ. मुस्लिम युवती की याचिका पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने एसएसपी मेरठ को विवाहिता और उसके पति को सुरक्षा उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं. युवती ने अपनी इच्छा से हिन्दू धर्म स्वीकार किया और एक हिन्दू लड़के के साथ विवाह कर लिया. मगर युवती के परिजन लगातार धमकी दे रहे हैं. युवती को डर है कि उसके साथ कोई घटना घट सकती है. जिसके चलते अपनी सुरक्षा के लिए युवती ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी.
रिपोर्ट्स के अनुसार अनुसार मेरठ की रहने वाली 19 वर्षीय मुस्लिम युवती ने स्वैच्छा से हिन्दू धर्म स्वीकार किया और मेरठ के आर्य समाज मंदिर में 16 अप्रैल, 2021 को हिन्दू युवक से विवाह कर लिया. युवती के अधिवक्ता ने उच्च न्यायालय में कहा कि युवती की परवरिश इस्लाम मज़हब में हुई है. लेकिन सनातन धर्म में आस्था के कारण उसने स्वैच्छा से सनातन धर्म अपनाया और अपना नाम भी धर्म के अनुसार परिवर्तित कर लिया. युवती अपनी इच्छा से अपने पति के साथ रह रही है. मगर विवाह के बाद से याची के पिता, परिवार और समुदाय के लोग जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. याची ने स्थानीय पुलिस से सुरक्षा की मांग की थी, मगर उसे सुरक्षा नहीं मिली. बल्कि उसे परेशान किया जाने लगा. याची को इस बात का भय है कि उस पर या फिर उसके पति पर हमला किया जा सकता है.
याचिका की सुनवाई के बाद जस्टिस जे.जे मुनीर ने मेरठ जनपद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए. पुलिस यह भी सुनिश्चित करे कि याची और उसके पति को किसी प्रकार का नुकसान न होने पाए. याची के घर वाले उसके घर न जाएं और उसे फोन कर परेशान भी न करें. स्थानीय पुलिस, उसके वैवाहिक जीवन में किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप न करे.