गुवाहाटी. असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि जनसंख्या गरीबी, भूमि अतिक्रमण जैसे सामाजिक खतरे की मुख्य जड़ है और हम इस सामाजिक खतरे को कम कर सकते हैं, यदि जनसंख्या कम हो जाए.
उन्होंने गुरुवार को राज्य के अल्पसंख्यक मुस्लिम लोगों से जनसंख्या नियंत्रण के लिए एक अच्छी परिवार नियोजन नीति अपनाने की अपील की. उन्होंने कहा कि जनसंख्या हर सामाजिक संकट की मूल जड़ है और यदि हम इसे नियंत्रित कर लें तो सामाजिक बुराई अपने आप कम हो जाएगी.
जनसंख्या नीति पहले से ही है और यह सरकारी नौकरियों की तरह जल्द ही प्रभावी होगी. पिछली विधानसभा में जनसंख्या नीति लागू भी की गई थी, लेकिन सरकार अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लिए जनसंख्या का बोझ कम करने के लिए काम करना चाहती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायत चुनाव, सहकारी, नगरपालिका चुनाव में इसे पहले ही काफी हद तक लागू किया जा चुका है.
”हम जनसंख्या के बोझ को कम करने के लिए अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय के लिए और काम करना चाहते हैं. हम उनके साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, ताकि राज्य में जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सके.
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार अल्पसंख्यक मुस्लिम समुदाय की महिलाओं को शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, ताकि समस्या का सही तरीके से समाधान किया जा सके. सरकार किसी को भी सत्र, नामघरों, पवित्र स्थानों, जंगल की जमीन पर कब्जा नहीं करने देगी और समुदाय के नेताओं ने सरकार को आश्वासन दिया है कि वे इन स्थानों पर अतिक्रमण नहीं करेंगे.
असम सरकार ने राज्य के कई हिस्सों में सत्र, पवित्र स्थानों, वन भूमि से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने का अभियान भी शुरू कर दिया है.
हिमंत बिस्वा सरमा ने असम में मुख्यमंत्री के रूप में एक माह पूरा किया है. मई के प्रारंभ में असम विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत के बाद हिमंत बिस्वा सरमा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.