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मध्यभारत के प्रांत घोष वर्ग का प्रकटोत्सव

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भोपाल। बैरसिया के विद्या विहार विद्यालय में 10 मई से प्रारंभ हुए मध्यभारत प्रांत के घोष वर्ग का प्रकटोत्सव समारोह दशहरा मैदान में सम्पन्न हुआ। जिसमें वर्ग के दौरान प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 98 स्वयंसेवकों ने घोष का प्रदर्शन किया। समारोह की अध्यक्षता डॉ. राजेंद्र खुल्लर ने की।

समारोह में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक विमल गुप्ता ने कहा कि भारत का लोहा आज पूरे विश्व ने माना है, पहलगाम हमले के विरुद्ध जवाबी कार्रवाई करते हुए भारत ने अपनी शक्ति का परिचय पूरे विश्व के समक्ष रखा है। हमारी वीरव्रती कर्नल सोफिया कुरैशी एवं विंग कमांडर व्योमिका सिंह की ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भूमिका प्रशंसनीय रही है।

उन्होंने कहा कि जब डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी ने संघ की स्थापना की, तब स्वतंत्रता का आंदोलन चल रहा था। उस समय उन्होंने अध्ययन, चिंतन किया और अंततः विचार किया कि देश को भले ही स्वतंत्रता प्राप्त हो जाए, लेकिन जब तक हम में यह विचार नहीं होगा कि हम पराधीन क्यों हुए। तब तक स्वतंत्रता स्थाई नहीं होगी। उन्होंने चिंतन के बाद पाया कि हम सामाजिक दृष्टि से एक नहीं थे, आपस में फूट थी, भेदभाव था, देश में एकता नहीं थी। इसलिए हमारी आजादी का अपहरण हुआ। इसलिए देश में राष्ट्रभक्ति एवं चरित्र की स्थापना के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना हुई। कई संघर्ष किये, दमन भी झेले, लेकिन उपेक्षा और दमन के बाद भी संघ कार्य में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई।

पंच परिवर्तन के विषय पर कहा कि हमें नागरिक होने के नाते अपने कर्तव्यों का पूर्णतः पालन करना चाहिए, पर्यावरण की रक्षा हेतु संकल्पित रहना चाहिए, स्वदेशी वास्तुओं का अधिकतम उपयोग करना चाहिए, साथ ही कुटुंब प्रबोधन एवं स्वावलंबन को लेकर अपनी बात रखी।

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