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अवैध लोन एप्स पर शिकंजा कसने की तैयारी, वित्तमंत्री ने की बैठक

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नई दिल्ली. देश में अवैध तरीके से काम कर रहे लोन एप्स को लेकर सरकार सख्त कदम उठाने वाली है. इन एप्स को चाइनीज़ लोन एप्स के नाम से भी जाना जाता है. डिजिटल ऋण देने वाले ये एप केंद्रीय बैंक (आरबीआई) के साथ भी पंजीकृत नहीं हैं और स्वयंभू रूप से संचालित होते हैं. इनके माध्यम से उत्पीड़न के कारण कर्ज लेने वालों में आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं. लोगों को कर्ज के जाल में फंसाकर उन्हें आत्महत्या की ओर धकेलने वाले चाइनीज लोन एप्स की अब खैर नहीं है.

इस विषय को लेकर वित्तमंत्री की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित बैठक में निर्णय लिया गया कि आरबीआई सभी वैध एप्स की सूची तैयार करेगा. साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय यह सुनिश्चित करेगा कि केवल इन्हें ही प्ले स्टोर पर ‘होस्ट’ किया जाए. साथ ही डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के बीच इस तरह के एप्स की जांच के लिए कई उपायों को लागू करने का निर्णय लिया.

रिपोर्ट्स के अनुसार, बैठक में निर्णय लिया गया कि आरबीआई ऐसे खातों की निगरानी करेगा, जिनका इस्तेमाल धन शोधन के लिए किया जा सकता है. साथ ही किसी दुरुपयोग से बचने के लिए निष्क्रिय एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) की समीक्षा की जाएगी.

मुखौटा कंपनियों की पहचान होगी, पंजीकरण होगा रद्द

ऐसे फर्जी एप के प्रसार को रोकने के लिए कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) मुखौटा कंपनियों की पहचान करेगा और उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए उनका पंजीकरण रद्द करेगा. इसके अलावा, ग्राहकों, बैंक कर्मचारियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य संबंधित पक्षों के बीच साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे.

प्ले स्टोर पर कई ऑनलाइन लोन देने वाले एप्स हैं, इनमें से ज्यादातर एप्स के पास आरबीआई की स्वीकृति तक नहीं है और बिना किसी रजिस्ट्रेशन के अवैध कारोबार वर्षों से कर रहे हैं. ये कंपनियां लोन देने के बाद ग्राहकों से अवैध वसूली कर रही हैं. लगातार ऐसे समाचार मिल रहे थे कि इन एप्स के माध्यम से भारतीयों को लोन देकर कर्ज के जाल में फंसा रहा है. लोन देने के बाद लोगों को मानसिक तौर पर प्रताड़ित किया जाता है. ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं कि प्रताड़ना से परेशान होकर कई लोगों ने आत्महत्या कर ली.

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