विस्तारवाद का युग समाप्त हो गया, अब विकासवाद का युग है – प्रधानमंत्री
नई दिल्ली. आज सुबह अचानक लद्दाख में अग्रिम पोस्ट नीमू पर पहुंचे प्रधानमंत्री ने सेना के जवानों से भी मुलाकात की. साथ ही अस्पताल में उपचाराधीन जवानों से मिले व उनका हालचाल पूछा. प्रधानमंत्री ने जवानों को संबोधित किया. जवानों का उत्साहवर्धन करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि जिस ऊंचाई पर आप माँ भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा करते हैं, सेवा करते हैं. उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है. आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां आप तैनात हैं. आपका निश्चय उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज़ अपने कदमों से नापते हैं. आपकी भुजाएं उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द खड़ी हैं. आपकी इच्छाशक्ति आपसपास के पर्वतों जितनी अटल है. आज आपके बीच आकर मैं इसे महसूस कर रहा हूं, साक्षात अपनी आंखों से इसे देख रहा हूं. दुश्मनों ने जवानों का जोश और गुस्सा देख लिया है.
उन्होंने कहा कि आपके (जवानों) और आपके मजबूत संकल्प की वजह से ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनने का हमारा (देश) संकल्प और मजबूत हुआ है.
प्रधानमंत्री मोदी ने जवानों का उत्साह बढ़ाया, तो दूसरी तरफ उन्होंने चीन को जमकर सुनाया भी. उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों ने दुनिया को अपनी बहादुरी का नमूना दिखा दिया है. विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है और अब विकासवाद का युग है. तेजी से बदलते समय में विकासवाद ही प्रासंगिक है. विकासवाद के लिए अवसर हैं, यही विकास का आधार है. बीती शताब्दी में विस्तारवाद ने ही मानव जाति का विनाश किया. किसी पर विस्तारवाद की जिद सवार हो तो हमेशा वह विश्व शांति के सामने खतरा है. इतिहास गवाह है कि ऐसी ताकतें मिट जाती हैं. भारत के लोग बांसुरी वाले कृष्ण की पूजा करते हैं. साथ ही सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी आदर्श माना जाता है.
चीन समय-समय पर लद्दाख, अरुणाचल के इलाकों पर अपना दावा जताता रहता है. इतना ही नहीं, हाल ही में रूस और भूटान की कुछ जमीन पर भी उसने अपना दावा किया था.
दो माताओं को सोचकर लेता हूं फैसले: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब-जब वह राष्ट्र रक्षा से जुड़े फैसले के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले दो माताओं को याद करते हैं. पहली हमारी भारत माता, दूसरी वे वीर माताएं जिन्होंने सैनिकों को जन्म दिया. जवानों के लिए सुरक्षा उपकरणों और हथियारों की हरसंभव मदद की कोशिश सरकार कर रही है. हम सशस्त्र बलों की जरूरतों पर पूरा ध्यान दे रहे हैं.