नई दिल्ली. केंद्र सरकार ने पर्यावरण के लिए खतरा बने सिंगल-यूज प्लास्टिक से मुक्ति के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिया है. सरकार ने जुलाई 2022 तक सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्ति का लक्ष्य रखा है. जिसके तहत एक जुलाई, 2022 के बाद से देश में इसका उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित हो जाएगा. इसी के साथ सरकार ने प्लास्टिक बैग की मोटाई को लेकर तैयार नए नियमों को चरणबद्ध तरीके से लागू करने की योजना बनाई है. यह 30 सितंबर के बाद लागू होगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पहले चरण में प्लास्टिक की मोटाई को 50 माइक्रोन से बढ़ाकर 75 माइक्रोन करने का प्रस्ताव है, जबकि अगले चरण में इसे 75 माइक्रोन से बढ़ाकर 100 माइक्रोन या उससे ज्यादा किया जाएगा.
वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए नई अधिसूचना जारी की है. इसके तहत ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ के उपयोग को एक जुलाई, 2022 से पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके तहत पॉली स्टाइनिन और एक्सपैंडेड पॉलीस्टाइनिन सहित सिंगल यूज वाले प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध होगा.
सरकार ने पहली बार सिंगल यूज प्लास्टिक को भी परिभाषित किया है. वह वस्तुएं इस श्रेणी में आएंगी, जिसे डिस्पोजल या फिर रिसाइकिल के पहले एक काम के लिए एक बार ही इस्तेमाल में लाया जाना है. मंत्रालय ने प्रधानमंत्री द्वारा 2022 तक देश को ¨सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति दिलाने की घोषणा के बाद कदम उठाया है.
इन पर होगा प्रभाव
प्रतिबंध के बाद आइसक्रीम और गुब्बारे में लगने वाली प्लास्टिक स्टिक, सजावट में इस्तेमाल किए जाने थर्मोकोल, प्लास्टिक के कप-प्लेट, ग्लास, चम्मच, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट पर लपेटी जाने वाली प्लास्टिक आदि का इस्तेमाल पूरी तरह से प्रतिबंधित होगा.
प्लास्टिक कचरे के डिस्पोजल के लिए अब ग्राम पंचायतों को भी व्यवस्था बनानी होगी. इस नई अधिसूचना में अपशिष्ट प्रबंधन प्रणाली की स्थापना करने सहित सभी इकाईयों को प्लास्टिक कचरे को अलग करने, कलेक्शन, स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन, प्रोसेसिंग और डिस्पोजल आदि कार्यों को पूरा करना होगा.