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पूर्व ग्रंथी के केश काटने के मामले में बंद रहा रामगढ़

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अलवर. जिले के रामगढ़ में गुरुद्वारे के पूर्व ग्रंथी के केश काटने के आरोपियों को पुलिस चार दिन बाद भी गिरफ्तार नहीं कर पाई है. जिसके विरोध में सोमवार को रामगढ़, अलावडा, नोगांवा आदि क्षेत्र में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे. लोगों ने बंद के आह्वान को देखते हुए स्वेच्छा से अपने प्रतिष्ठान बंद रखे. कुछ जो दुकानें खुली थीं, उन्हें समझाइश कर बंद कर दिया गया.

कमेटी सदस्य व रामगढ़ गुरुद्वारा गुरुसिंह सभा के प्रधान हरपाल ने बताया कि 21 जुलाई की रात हुई घटना के बाद सिक्ख संगत ने पुलिस व प्रशासन को आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रविवार शाम तक का समय दिया था. इस समय में पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई. आश्वासन की अवधि पूरी होने पर विरोध स्वरूप बंद का आह्वान किया गया था. अगर अब भी पुलिस जल्द आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर पाई तो बैठक कर आगे की रणनीति बनाई जाएगी.

रामगढ़ बंद को देखते हुए शान्ति व्यवस्था के लिए रामगढ़ सहित अन्य कस्बों के बाजारों में भारी पुलिस जाब्ता तैनात रहा. वहीं, पुलिस अधिकारी भी पूरे मामले में अपनी दृष्टि बनाए रखें. पुलिस के उच्चाधिकारी दिनभर बंद के दौरान भी बाजार में राउंड पर रहे.

यह था मामला

पीड़ित पूर्व ग्रंथी गुरुबख्श सिंह ने बताया कि 21 जुलाई की शाम वह बाइक पर दवाई लेने मिलकपुर से अलावड़ा की तरफ जा रहा था. रास्ते में उसे कुछ युवकों ने बहाने से रोका और उसके बाद उसकी आंखों मे मिर्च डाल दी और एक तरफ ले गए. जहां आंखों पर पट्टी बांधकर बिठा दिया. वह लोग मेरी गर्दन काटने की बात कर रहे थे, मैंने घबरा कर कहा कि मुझे क्यों मार रहे हो मैं तो गुरुद्वारे का पुजारी हूं. तब उन्होंने किसी जुम्मा नाम के व्यक्ति को फोन किया. उससे कहा कि यह तो गुरुद्वारे का पुजारी है. मिलकपुर का नहीं है. जुम्मा के कहने पर आरोपियों ने उसकी पिटाई की और बाल काट दिए. वह लोग बात कर रहे थे कि जुम्मा ने कहा है कि गुरुद्वारे का आदमी है तो इसके बाल काट दो वही बहुत है. इसके बाद वे चले गए. जब उनकी आवाज बंद हुई तो उसने पट्टी खोली और बाइक लेकर गांव पहुंचा. इसके बाद परिजन व ग्रामीणों की घटना की जानकारी दी.

घटना के बाद से सिक्ख व हिन्दू समाज में आक्रोश है. 22 जुलाई को सिक्ख समाज ने बैठक की थी. बैठक के बाद रैली निकालकर रामगढ़ थाने पहुंच पुलिस अधिकारियों को रविवार शाम तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर सोमवार को बंद की चेतावनी दी थी. फिलहाल पुलिस की कई टीमें मामले की जांच में जुटी हुई हैं. कई संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ भी कर रही है, लेकिन अभी तक पुलिस किसी निष्कर्ष पर नही पहुंची है.

विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के पदाधिकारी बंद के दौरान भी वह रामगढ़ पहुंचे. विहिप के जिलाध्यक्ष दिलीप मोदी ने बताया कि पुलिस को तुरन्त आरोपियों को गिरफ्तार कर सख्त सजा देनी चाहिए. सभी हिन्दू संगठन पीड़ित के साथ हैं.

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