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उत्तर प्रदेश में 16 हजार मदरसों की मान्यता रद्द

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इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड को असंवैधानिक घोषित करने के पश्चात उत्तर प्रदेश के 16 हजार मदरसों की मान्यता रद्द कर दी गई है. अब सिर्फ मानक पूरा करने वाले मदरसों को ही मान्यता मिलेगी. इसके लिए मदरसे उत्तर प्रदेश, सीबीएसई या फिर आईसीएसई बोर्ड से मान्यता के लिए आवेदन कर सकते हैं. नई व्यवस्था में मानकों को पूरा नहीं करने वाले मदरसों को मान्यता नहीं दी जाएगी और उनका संचालन बंद हो जाएगा.

प्रदेश सरकार ने इसे लेकर हर जिले में डीएम की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति बनाई है. मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सभी जिलों के डीएम की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय समिति बनाई है. यह कमेटी मदरसों का चिन्हित कर वहां पढ़ रहे बच्चों का एडमिशन करवाएगी. अगर इसके बावजूद छात्र-छात्राएं प्रवेश पाने से रह जाते हैं तो नए विद्यालयों की स्थापना पर भी विचार किया जा सकता है. उत्तर प्रदेश में 16 हजार से ज्यादा मदरसे संचालित हैं, जिनमें 13.57 लाख छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. 560 मदरसों को सरकार की ओर से अनुदान दिया जाता था, जहां 9 हजार 500 टीचर काम करते हैं.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी. सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को सुनवाई के दौरान ‘उत्तर प्रदेश बोर्ड मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्णय पर रोक लगा दी. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 22 मार्च के आदेश को चुनौती देने वाली अपीलों पर नोटिस जारी किया है.

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