नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस के अवसर पर कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर लाल किला पर हिंसा का खेल रचा गया था. ट्रैक्टर रैली के दौरान एक किसान की मौत भी हो गई थी. आरोप लगाया गया था कि किसान नवरीत की मौत पुलिस की गोली लगने के कारण हुई है. लेकिन, अब झूठ से पर्दा उठ गया है और सच्चाई सामने आ गई है. किसान की मौत गोली से नहीं, बल्कि सिर में गंभीर चोट लगने के कारण हुई थी.
गणतंत्र दिवस के अवसर पर कृषि कानूनों के विरोध के नाम पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान भारी संख्या में प्रदर्शनकारी लाल किला और आसपास के क्षेत्रों जमा हो गए थे. ट्रैक्टर रैली के दौरान आईटीओ के पास एक किसान की मौत हो गई थी, जिसके पोस्टपार्टम रिपोर्ट की स्टडी कर चिकित्सकों के पैनल ने रिपोर्ट दिल्ली क्राइम ब्रांच को सौंपी है.
रामपुर में किसान का पोस्टमार्टम किया था और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों के पैनल ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की स्टडी की. क्राइम ब्रांच ने अदालत के आदेश पर परिवार वालों को घटना का सीसीटीवी फुटेज भी दिखाई थी.
ट्रैक्टर पलटने से किसान की मौत
26 जनवरी की हिंसा वाले दिन 24 साल के नवरीत सिंह की मौत हुई थी. दावा किया गया था कि गोली लगने से युवक की मौत हुई है. नवरीत की मौत को लेकर जमकर सियासत भी हुई और मामला दिल्ली उच्च न्यायालय तक पहुंचा. परिवार ने आरोप लगाया कि गोली लगने से युवक की मौत हुई है और कोर्ट की निगरानी में इसकी जांच की जाए.
दिल्ली पुलिस ने जांच के पश्चात बताया था कि नवरीत की मौत ट्रैक्टर पलटने के बाद लगी गंभीर चोट के कारण हुई थी और उसे गोली नहीं लगी थी. अब मौलाना आजाद के चिकित्सकों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की स्टडी करने के बाद रिपोर्ट सौंपी है, उसके अनुसार नवरीत की मौत सिर पर गंभीर चोट लगने से हुई थी.