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दीनदयाल शोध संस्थान की राष्ट्रीय कार्यसमिति का पुनर्गठन

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चित्रकूट. वर्चुअल रूप में संपन्न दीनदयाल शोध संस्थान की साधारण सभा में अखिल भारतीय कार्य समिति का पुनर्गठन किया गया. प्रत्येक 5 वर्ष के अंतराल में गठित होने वाली नई समिति के लिए संस्थान की साधारण सभा की बैठक में अध्यक्ष की कमान एक बार फिर कानपुर के वीरेंद्रजीत सिंह को सौंपी गई.

बैठक में नवीन कार्यकारिणी के चुनाव के लिए सर्वसम्मति से केपी शुक्ला प्रयागराज को चुनाव अधिकारी नियुक्त किया गया था. इस दौरान वर्तमान अध्यक्ष वीरेंद्रजीत सिंह ने अपने पुराने कार्यकाल के बारे में बताते हुए आगे की कार्यवाही के लिए चुनाव अधिकारी केपी शुक्ला को आमंत्रित किया. इस दौरान पुरानी कार्यकारिणी को भंग करते हुए चुनाव अधिकारी द्वारा अध्यक्ष के लिए नाम मांगे गए.

जिसमें पूर्व उपाध्यक्ष श्री प्रभाकर राव मुंडले द्वारा वीरेंद्रजीत सिंह का नाम प्रस्तावित किया गया. जिसका अनुमोदन डॉ पूर्णिमा आडवाणी, उत्तम बनर्जी एवं उपेंद्र कुलकर्णी द्वारा किया गया. उसके बाद सबकी सहमति मिलने के बाद चुने गए अध्यक्ष वीरेंद्रजीत सिंह द्वारा अपनी नई कार्यकारिणी की घोषणा की गई.

प्रधान सचिव के रूप में अतुल जैन एवं संगठन सचिव की अभय महाजन को पुनः जिम्मेदारी दी गई. कोषाध्यक्ष वसंत पंडित चुने गए. नई कार्यसमिति में उपाध्यक्ष डॉ. नरेश शर्मा यूके, डॉ. पूर्णिमा आडवाणी मुम्बई, उत्तम बनर्जी सतना, निखिल मुंडले नागपुर एवं सचिव के रूप में इंदौर से राजेश महाजन को चुना गया.

नई टीम में 9 पदाधिकारियों सहित 70 सदस्यों को शामिल किया गया है. जिसमें प्रबंध समिति सदस्यों में 15 तथा पदेन सदस्यों में 12, विशेष सदस्य के रूप में 10 लोग तथा साधारण सभा के सदस्यों के रूप में 24 नई टीम में शामिल किया गया है. नई टीम का यह कार्यकाल 2021 से 2026 तक 5 वर्षों के लिए रहेगा. सभी ने पूरी निष्ठा व लगन से संस्थान की कार्य पद्धति के अनुरूप काम करने का संकल्प लिया.

इस अवसर पर दीनदयाल शोध संस्थान के संपर्क अधिकारी एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह सुरेश सोनी जी ने कहा कि संस्थान के साथ जुड़ने वाले लाखों लोग हैं, लेकिन पदाधिकारी कुछ ही होते हैं. नए लोग आते हैं, पुराने लोग जाते हैं, यह क्रम चलता रहता है. सब पूरी ऊर्जा के साथ पुनः खड़े हों, एक आइडियल हमारा काम खड़ा हो. जब परिस्थितियां बदलती हैं तो उस अनुरूप हमें अपने कार्यों का पुनर्मूल्यांकन करने की जरूरत महसूस होती है. साथ ही कुछ एक कार्यों में समय अनुकूल परिवर्तन करने की आवश्यकता लगती है. हमें भी परिस्थिति अनुरूप नये परिवेश में अपने आपको ढालने का प्रयास करना होगा. नवीन दायित्व के साथ नई टीम को बहुत-बहुत शुभकामनाएं.

अध्यक्ष वीरेंद्रजीत सिंह ने नई टीम को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में भी गत वर्ष में संस्थान के कार्य सुचारु रुप से चलते रहे. सबके सहयोग के बगैर कोई भी कार्य दक्षतापूर्वक चलाना संभव नहीं था. बदली हुई परिस्थितियों में संस्थान के ऊपर बहुत बड़ा दायित्व आता है, ग्राम विकास की दिशा में, कौशल विकास की दिशा में दीनदयाल शोध संस्थान का नवाचार किस तरह हो सकता है. इस दिशा में संस्थान के क्या शोध हो सकते हैं और नवाचार की दिशा में आगे बढ़े. नानाजी के प्रयोगों को यथावत रखते हुए उसमें युगानुकूल नवाचार की दिशा में नए लोगों के अनुभवों का लाभ हमें मिलेगा यही अपेक्षा रखते हैं.

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