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हिन्दू मंदिरों पर हमले के विरोध में अमेरिकी संसद में प्रस्ताव प्रस्तुत

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अमेरिकी सांसद ने हिन्दुओं और हिन्दू धर्म के योगदान की सराहना करते हुए हिन्दू-विरोधी कट्टरता, नफरत और मंदिरों पर हमले के विरोध में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव प्रस्तुत किया है. प्रस्ताव में अमेरिका में हिन्दू मंदिरों पर हमले की घटनाओं और हिन्दूफोबिया की कड़ी निंदा की गई है.

प्रस्ताव को निगरानी और जवाबदेही को लेकर बनी सदन की समिति को भेजा गया.

प्रस्ताव में कहा गया है कि हिन्दू अमेरिकी समुदाय ने अमेरिका की प्रगति में अहम योगदान दिया है, लेकिन इसके बावजूद इस वर्ग को पक्षपात का सामना करना पड़ता है. स्कूल-कॉलेजों में हिन्दू अमेरिकी छात्रों को चिढ़ाया जाता है. साथ ही उन्हें पक्षपात, घृणा अपराध और पक्षपाती अपराध का सामना करना पड़ता है. एफबीआई की घृणा अपराध से संबंधित एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में हिन्दुओं के खिलाफ घृणा अपराध की घटनाएं, मंदिरों पर हमले बढ़े हैं. प्रस्ताव के अनुसार, साल 1900 से दुनिया के विभिन्न हिस्सों से हिन्दू समुदाय के लोग अमेरिका आ रहे हैं और इनकी संख्या करीब 40 लाख है. अमेरिका की अर्थव्यवस्था और प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के विकास में इस समुदाय का अहम योगदान रहा है.

बीते दिनों 29 मार्च को भारतीय अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, थानेदार, एमी बेरा और प्रमिला जयपाल ने भी न्याय विभाग को पत्र लिखकर हिन्दू मंदिरों पर हुए हमलों की घटनाओं की जांच की जानकारी मांगी. पत्र में कहा गया कि न्यूयॉर्क से कैलिफोर्निया तक मंदिरों पर हमले हुए हैं. जिससे अमेरिका में रहने वाले हिन्दू समुदाय में डर और घबराहट का माहौल है. मंदिरों पर हमले के मामलों में जांच की प्रगति पर भी सांसदों ने नाराजगी जाहिर की और पूछा कि जांच एजेंसियों ऐसे मामलों से निपटने के लिए क्या कर रही हैं.

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