अयोध्या. करीब एक साल पहले नौ नवंबर, 2019 को सर्वोच्च न्यायालय ने देश का सबसे बड़ा फैसला सुनाकर न सिर्फ 491 साल पुराने विवाद का पटाक्षेप किया, बल्कि अयोध्या का गौरव भी वापस लौटाया. अब अयोध्या पूरे प्रदेश में विकास का इंजन बन रही है. विश्व के नक्शे पर सबसे बड़े धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में उभरते ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था का यह एक मजबूत संबल साबित होगी.
केन्द्र और राज्य सरकार का सबसे अधिक जोर यहां की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर है. कुशीनगर के अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से भी यहां की पहुंच आसान होगी. इसके अलावा चित्रकूट तक फोरलेन मार्ग, बनारस के लिए फोरलेन सड़क, राम वनगमन मार्ग का विकास आदि योजनाएं, विकास का नया अध्याय लिखेंगी. अंतरराष्ट्रीय श्रीराम एयरपोर्ट अयोध्या को सीधे विश्व से जोड़ देगा. इसके लिए छह सौ एकड़ भूमि खरीद की प्रक्रिया पूरी होने को है तो नव्य अयोध्या पूरे विश्व में पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनेगी.
नव्य अयोध्या 1250 एकड़ में प्रस्तावित है, जहां पर्यटकों के लिए विश्वस्तरीय सुविधाएं होंगी. इसी क्रम में कई और बड़ी योजनाएं हैं. रामनगरी को दुनिया के बड़े धार्मिक केन्द्रों के रूप में विकसित करने का खाका खींचा जा रहा है. पौराणिकता के साथ-साथ विशेषज्ञों का मानना है कि भौगोलिक परिस्थिति और देश के बड़े शहरों से इसकी करीबी लाभकारी है. रामनगरी के प्रति लगाव का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि फैसले के बाद से लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन को पहुंच चुके हैं. लॉकडाउन के बाद से रोजाना करीब 10 हजार लोग रामनगरी पहुंच रहे हैं. वहीं 2019 में महज डेढ़ लाख श्रद्धालु ही पहुंचे थे. भगवान राम से जुड़े अन्य क्षेत्रों प्रयागराज, चित्रकूट के समग्र विकास और उन्हें अयोध्या से जोड़ने पर पर्यटकों की संख्या और बढ़ेगी, जिसका लाभ पूरे प्रदेश को मिलेगा. सनातन धर्मियों के लिए वही अयोध्या अब एक बार फिर से नए स्वरूप में स्थापित हो रही है. जिसको देखने के लिए वर्षों से उनकी आंखें आतुर थीं.
विकास की योजनाएं
– 52 करोड़ की लागत से रामनगरी के प्रतिनिधि पर्यटन स्थल राम की पैड़ी का कायाकल्प और अब इतनी ही लागत से पैड़ी का विस्तार कार्य पूर्ण होगा.
– 20 करोड़ की लागत से सरयू तट पर भजन संध्या स्थल का निर्माण.
– 7.35 करोड़ की लागत से फोरलेन पर नए बस स्टेशन का निर्माण.
क्रूज संचालन की भी तैयारी
सरयू में रामनगरी से गुप्तारघाट तक क्रूज संचालन की तैयारी है. वाराणसी की तर्ज पर लोग लगभग आठ किमी. का सफर कर सकेंगे. सर्वे पूरा हो चुका है. इंतजार सिर्फ मुख्यमंत्री की हरी झंडी मिलने का है. नार्डिक क्रूजलाइन के मालिक विकास मालवीय के अनुसार, हमारी तैयारी पूरी है.