नई दिल्ली. स्वदेशी जागरण मंच ने श्रमिक-विस्थापनकारी प्रौद्योगिकियों को अपनाने के कारण संभावित नौकरी नुकसान को संबोधित करने के लिए एक अग्रणी समाधान प्रस्तावित किया है. यह सुझाव “रोबोट टैक्स” की शुरुआत से संबंधित है, जो उन व्यवसायों पर लगाया जाएगा जो मानव श्रमिकों को बदलने वाली प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं.
इस टैक्स का मुख्य उद्देश्य प्रौद्योगिकी प्रगति को रोकना नहीं है, बल्कि इससे प्रभावित होने वालों के लिए एक सहायक ढांचा तैयार करना है. इस टैक्स से एकत्रित धन का उपयोग विस्थापित श्रमिकों को नई तकनीकी वातावरणों के अनुकूल होने में सहायता के लिए किया जाए. इसमें पुनः प्रशिक्षण कार्यक्रम, कौशल विकास पहल और नए कार्यों में संक्रमण को सुविधाजनक बनाने के लिए अन्य प्रकार की सहायता शामिल हो सकती है.
यह सक्रिय उपाय सुनिश्चित करने का प्रयास करता है कि जब हम नई प्रौद्योगिकियों के लाभों को अपनाएं, तो हम उन लोगों की आजीविका की भी रक्षा करें जो इससे प्रभावित हो सकते हैं, और आर्थिक विकास और प्रौद्योगिकी प्रगति के लिए एक समावेशी और संतुलित दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करें.
स्वदेशी जागरण मंच ने छोटे किसानों के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली के लिए सब्सिडी की पेशकश करने का आग्रह किया है. भविष्य की आवश्यकताओं के बहाने अनावश्यक भूमि स्वामित्व को हतोत्साहित करने के लिए खाली भूमि पर संपत्ति कर लगाने का भी सुझाव दिया है. यह सुझाव सभी को आवास उपलब्ध करवाने के मकसद से किया गया है. किफायती आवास में श्रमिकों और छात्रों के लिए छात्रावास शामिल किए जाने का भी सुझाव दिया है. सरकार से मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है. सुझाव दिया कि गोदामों और कोल्ड चेन जैसे ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण में सरकारी व्यय काफी हद तक बढ़ाया जा सकता है.
मुनाफाखोरी पर अंकुश लगाकर मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जा सकता है. ‘सरकार को ई-मार्केट, विपणन योग्य भंडारण रसीदों के साथ आधुनिक भंडारण और आधुनिक तकनीक का उपयोग करके किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नए तरीके खोजने की जरूरत है.’