विश्व हिन्दू परिषद केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के सदस्य व उदासीन आश्रम, दिल्ली के पीठाधीश्वर प. पू. महामंडलेश्वर श्री स्वामी राघवानन्द जी महाराज अब हमारे बीच सशरीर नहीं रहे। श्री राम जन्मभूमि आंदोलन हो या राम सेतु रक्षा आंदोलन, गौ रक्षा की बात हो या धर्मांतरण विरोधी हुंकार, मंदिरों की मुक्ति का शंखनाद हो या अन्य हिन्दू जीवन मूल्यों की रक्षा के संकल्प, सभी में पूज्य महाराज श्री के योगदान, आशीर्वाद व संकल्प ने हिन्दू समाज में सदैव एक नवीन ऊर्जा का संचार किया और अधिकांश मुद्दों में विहिप को विजय श्री दिलाई।
इनमें से अनेक आंदोलनों की तो रूपरेखा ही पूज्य महंत जी के उदासीन आश्रम में ही रखी गई। दिल्ली के पहाड़गंज स्थित यह विराट आश्रम आज भी अनेक धार्मिक, आध्यात्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक व शैक्षणिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र है। उनकी प्रेरणा व आशीर्वाद से हमारे जीवन में सदैव ज्ञान और प्रेरणा का संचार होता रहा। उनका सम्पूर्ण जीवन देश, धर्म, संस्कृति व समाज के चिंतन व पुरुषार्थ में ही बीता। वे एक बेहद सरल स्वभाव के एक कर्मठ संत थे। उनके देहावसान से हम सभी के जीवन में एक अपूरणीय क्षति हुई है।
ईश्वर उन्हें तो अपने श्री चरणों में स्थान देंगे ही, हमें भी उनके धर्म मार्ग पर चलने की सदैव प्रेरणा देते रहें, यही कामना है।
अंतिम दर्शन व अंत्येष्टि
महाराज श्री के श्री चरणों में श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु, उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए आश्रम परिसर के मुख्य हाल में रखा गया है। आज मध्याह्न 3:30 बजे उनकी अंत्येष्टि यात्रा आश्रम परिसर से प्रारंभ होकर, मध्याह्न 4:30 बजे, पंचकुईया रोड स्थित श्मशान भूमि पर समाप्त होगी।
ओ३म् शान्ति: शान्ति: शान्ति:…