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महाकुम्भ नगर। प्रयागराज महाकुम्भ में 26 जनवरी को घुमंतू समाज के संतों का अमृत स्नान सम्पन्न हुआ। घुमंतू समाज हिन्दू समाज का अभिन्न अंग है। घुमंतू समाज ने हमेशा देव, देश और धर्म के लिए त्याग व समर्पण किया है। घुमंतू समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। इस समाज के विकास तथा सम्मान लिए महाराष्ट्र में भटके विमुक्त विकास परिषद की स्थापना की गई है। देशभर के घुमंतू समाज के साधु-संतों का यह विशेष अमृत स्नान भटके विमुक्त विकास परिषद (घुमंतू कार्य) के सभी स्तरों पर कार्यकर्ताओं के सतत प्रयासों से संपन्न हुआ।
पुणे के कर्वेनगर कोथरुड क्षेत्र से गोसावी समुदाय के भगत श्री रोशन मकवान महाराज और श्री कार्तिक मकवान गुरव के साथ-साथ सरोदी समुदाय के योगेश्वर पुरी महाराज, समाधान गुरलकर महाराज, पूज्य गोरखनाथ महाराज बंजारा संत एवं पू. फरांदे महाराज धनगर समाज के गुरु ने अमृत स्नान में सम्मान के साथ भाग लिया। उनके साथ भटके विमुक्त विकास परिषद के किशोर शिंदे और कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. संजय पुरी भी अमृत स्नान में उपस्थित थे।
प्रयागराज महाकुम्भ के लिए घुमंतू समाज के संतों, भगतों और महाराजों को घुमंतू विकास परिषद महाराष्ट्र प्रदेश और अखिल भारतीय घुमंतू कार्य के प्रयासों से उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से विशेष आमंत्रण मिला था। इतिहास में पहली बार घुमंतू समाज के संतों ने महाकुम्भ में अमृत स्नान किया। देशभर से आए संतों ने महामहाकुम्भ में श्रद्धा के साथ डुबकी लगाई।
कार्यक्रम अखिल भारतीय घुमंतू जाति कार्य प्रमुख दुर्गादास जी, स्वान्त रंजन की उपस्थिति में संपन्न हुआ। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य मुख्य अतिथि रहे, राजसमंद के संत हसु महाराज (बागरिया) भी मंच पर उपस्थित थे। अमृत स्नान कार्यक्रम में राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में घुमंतू जनजातियों के संत शामिल हुए।