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चंद्रयान -3  की सफळता पर इसरो को संत ईश्वर विशेष सेवा सम्मान

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नई दिल्ली. देश के प्रमुख सामाजिक सेवा संगठन संत ईश्वर फाउंडेशन, राष्ट्रीय सेवा भारती व अशोक सिंघल फाउंडेशन की ओर से दो अक्तूबर को आयोजित होने जा रहे प्रतिष्ठित संत ईश्वर सम्मान समारोह में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन “इसरो’ को विशेष सम्मान दिया जाएगा.

राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा संस्थान में आयोजित होने का रहे सम्मान समारोह में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य भय्याजी जोशी, परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के अध्यक्ष प.पू. स्वामी चिदानंद सरस्वती जी, विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह (भारत सरकार) विशेष तौर पर उपस्थिति रहेंगे.

संत ईश्वर फाउंडेशन की स्थापना 2002 में की गई थी, जिसके तहत आठ वर्ष पहले संत ईश्वर सम्मान की शुरुआत की गई थी. पिछले 8 वर्षों के दौरान में भारत के 30 राज्यों के 118 सेवा साधकों को सम्मानित किया गया है. इनमें से छह सेवा साधकों को भारत सरकार की ओर से पद्म सम्मान प्रदान किया गया.

संत ईश्वर सम्मान मुख्यतः चार क्षेत्रों- जनजातीय, ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास के साथ कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने पर व्यक्तिगत या संस्थागत रूप से प्रदान किया जाता है. इन चार क्षेत्रों में सम्मानित व्यक्ति या संस्थाओं को एक विशेष सेवा सम्मान, चार विशिष्ट सेवा सम्मान एवं 12 सेवा सम्मान दिया जाता है. विशेष सेवा सम्मान में शॉल- पांच लाख राशि, चार विशिष्ट सेवा सम्मान में शॉल-एक लाख राशि और सेवा सम्मान में सभी विजेताओं को शॉल- राशि सहित ट्रॉफी, प्रमाण पत्र व प्रतीक मुद्रा सहित प्रत्येक वर्ष कुल 32 लाख रुपये की सम्मान राशि प्रदान की जाती है.

चंद्रयान-3 व आदित्य एल1 की सफलता ने भारतीय वैज्ञानिकों की प्रतिभा के चलते भारतीयों का सम्मान पूरे विश्व में बढ़ाया है. भारत के वैज्ञानिकों के देश के प्रति योगदान को देखते हुए इस वर्ष निर्णायक मंडल ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन “इसरो’ बेंगलुरू, कर्नाटक को संत ईश्वर विशेष सेवा सम्मान के लिए चुना है.

इसके अलावा जनजातीय क्षेत्र में रुरल एजुकेशन एंड डेवलपमेंट सोसाइटी, जशपुर छत्तीसगढ़ को  (विशिष्ट सेवा सम्मान), आदिवासी जनजातीय बच्चों के बौद्धिक, शारीरिक, मानसिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्तर को सुधारने में कृत संकल्प देशज प्रतिष्ठा को संत ईश्वर सेवा सम्मान, धनुर्विद्या में पारंगत, गुरु शिष्य परंपरा के संवाहक के. गोविंदन वायनाड, केरल व बिनिता जिगडुंग, दिमापुर, नागालैंड को संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.

सुनील अर्जुन राव शिंदे जलना, महाराष्ट्र ने 2000 से अधिक किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कृषि उपकरणों का आविष्कार व निर्माण किया है जो पर्यावरण के अनुकूल हैं. उन्हें इस वर्ष ग्रामीण क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.

ग्रामीण क्षेत्र के ही रामचरण लोधा गुराड़ी, राजस्थान, पातालचंडी कल्याण समिति, पश्चिम बंगाल व गोपाल डोंडिया उज्जैन, मध्य प्रदेश को जल संरक्षण व वृक्षारोपण कार्य के लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान दिया जाएगा.

महिला एवं बाल विकास क्षेत्र से भानुप्रिया भट्ट जोधपुर, राजस्थान जो विगत कई वर्षों से केवल एक रुपये प्रति माह की दर से बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का कार्य कर रही है, संत ईश्वर विशिष्ट सेवा सम्मान से सम्मानित होंगी. अर्चना शर्मा मध्य प्रदेश, भोपाल को घुमंतू जनजाति के बच्चों के भविष्य को संवारने के कार्य के लिए व आचार्या डॉक्टर सुमेधा, अमरोहा, उत्तर प्रदेश विगत तीन दशकों से भी अधिक समय से निर्धन परिवारों की बालिकाओं की शिक्षा के लिए कार्यरत, को भी संत ईश्वर सेवा सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.

तेजस्विनी सेवा प्रतिष्ठान, बिलासपुर, छत्तीसगढ़ की कुष्ठ रोग से पीड़ित बालिकाओं के स्वास्थ्य के लिए प्रयासरत संस्थान को संत ईश्वर सेवा सम्मान के लिए चुना गया है.

विशेष योगदान क्षेत्र में सुमित कुमार तुरहपाड़ी, बिहार के ऐसे बच्चों के लिए कार्यरत हैं जो शमशान घाट पर आने वाले पार्थिव देहों से कपड़े, पैसे, फल इत्यादि लूटने का काम करते हैं. उनकी शिक्षा, दीक्षा और भविष्य की चिंता करने वाले सुमित कुमार को विशेष योगदान लिए संत ईश्वर सेवा सम्मान मिलेगा.

“द अर्थ सेवियर्स फाऊंडेशन’ गुरुग्राम, हरियाणा के रवि कालरा अब तक 1000 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों व मानसिक रूप से दिव्यांग लोगों की देखभाल का कार्य कर रहे हैं, उन्हें वर्ष 2023 के संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित किया जाएगा.

देशभर में वृक्षारोपण को बढ़ावा देने, साइकिल यात्रा द्वारा कुल 18000 किलोमीटर, 28 राज्यों को कवर करने वाले व 2,02,743 पेड़ लगाने वाले सुंदरम तिवारी, प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश, कृषि की प्राचीन व पारंपरिक विधियों पर शोध कार्य करने वाले पवन कुमार कोटा, राजस्थान और एक ही वर्ष में 95 पदक जीतने वाली 95 वर्षीय एथलीट दादी भगवानी देवी डागर नजफगढ़, दिल्ली को संत ईश्वर सेवा सम्मान के लिए चुना गया है. इस वर्ष देश भर से समाज कल्याण में लगे कुल 18 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को सम्मानित किया जाएगा.

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