नई दिल्ली. छतरपुर में बना सरदार पटेल कोविड केयर सेंटर अगले कुछ दिनों में प्रारंभ हो जाएगा. दिल्ली में बढ़ते मामलों और दिल्ली सरकार की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने कहा कि कोविड केयर सेंटर की पूरी जिम्मेदारी पहले की तरह ही भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल को दी गई है. पहले चरण में 500 बेड की व्यवस्था करने का आदेश दिया है. 3 दिन के बाद 2000 बेड की व्यवस्था हो जाएगी.
आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल ने एक टीवी चैनल से बातचीत में कहा कि दिल्ली सरकार जैसे ही कोविड सेंटर के लिए बुनियादी सुविधा देगी, हमारी टीम पहले की तरह काम करेगी. इसमें डॉक्टर्स से लेकर पैरामेडिकल स्टाफ सहित हर तरह के लोग होंगे. पहले चरण में 500 बेड लगाए जाएंगे. फिर इसकी क्षमता पहले की तरह और बढ़ाई जा सकती है. हमारी टीम मौके पर पहुंचकर व्यवस्था करने में जुट गई है.
इस सेंटर को इसी साल 23 फरवरी 2021 को बंद कर दिया गया था. राधा स्वामी सत्संग परिसर में ये कोविड सेंटर जुलाई 2020 में रक्षा मंत्रालय और दिल्ली सरकार के सहयोग से बनाया गया था, जिसमें 10 हजार बेड थे. इसे दुनिया के सबसे बड़े कोविड सेंटर के रूप में विकसित किया गया है. इमसें गंभीर मरीजों के 250 आईसीयू वार्ड भी बनाए गए थे. इस सेंटर पर सिर्फ इलाज ही नहीं होता था, बल्कि योगा सेशन और समग्र चिकित्सा दी जाती थी. साढ़े सात महीने चले इस सेंटर में 11,657 लोगों का इलाज हुआ था. ऑनलाइन 11,191 लोगों ने फार्म भरकर इलाज करवाया, जबकि 866 लोगों ने ऑफलाइन इलाज कराया.
दिल्ली सरकार की मांग पर गृह मंत्रालय के इस फैसले से दिल्लीवालों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि दिल्ली के किसी भी सरकारी या गैर सरकारी अस्पतालों में कहीं कोई जगह नहीं है और ना ही किसी कोविड सेंटर में जगह है. इसी को ध्यान में रखते हुए दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से मेडिकल स्टाफ की मांग की. दूसरी ओर दिल्ली के कोरोना मरीजों के लिए केंद्र सरकार 2000 हजार से अधिक बेड देने की व्यवस्था पहले ही कर चुकी है.
आईटीबीपी को इसलिए सौंपा जिम्मा
आईटीबीपी को विशेष तौर पर इसके संचालन का जिम्मा देने के पीछे कई कारण रहे हैं. आईटीबीपी ने कोरोना संक्रमण प्रारंभ होने से लेकर अब तक प्रत्येक स्तर पर क्वारेंटाइन केंद्र और कोरोना से संबंधित मरीजों के इलाज में अग्रणी भूमिका निभाई थी. अब कोरोना संक्रमण के विरुद्ध चल रही जंग में विशेष अनुभव प्राप्त है. सेंटर को गत 23 फरवरी को बंद कर दिया गया था. विशालतम कोविड केयर सेंटर के संचालन के लिए आईटीबीपी को नोडल एजेंसी बनाया गया था. हालांकि, प्रारंभ में लगभग 2000 बेड की व्यवस्था की गई थी. धीरे-धीरे इसकी संख्या में वृद्धि की गई. लगभग 1,000 से भी ज्यादा चिकित्सक सेंटर में तैनात थे.