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सार्वजनिक गणेशोत्सव – बाप्पा की प्रेरणा से आरोग्योत्सव के रूप में मनाया गया गणेशोत्सव

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मुंबई (विसंकें). अपनी उपस्थिति से सम्पूर्ण महाराष्ट्र का रूपांतर मंदिर में करने वाले गणपति बाप्पा लौट गए. गणपति बाप्पा मोरया, अगले वर्ष जल्दी आ, इन भावपूर्ण शब्दों के साथ प्यारे बाप्पा का विसर्जन किया गया. और बाप्पा के भक्त अगले वर्ष की राह देखने लगते है. भक्तों की विनती को मानकर बाप्पा गए.

कोरोना संकट के कारण इस बार उनके आगमन में भव्यता नहीं थी. तथा उत्सव का रूप भी बदल गया था. परंतु सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के कार्यकर्ताओं में उत्साह वही था. मर्यादित स्वरुप में मनाए गए गणेशोत्सव में कार्यकर्ताओं व भक्तों का आनंद, उल्लास, भक्ति वैसी ही थी, जैसी हर साल रहती है. बाप्पा की प्रेरणा से अनेक मंडलों ने गणेशोत्सव आरोग्योत्सव के रूप में मनाया गया. आरोग्य शिविर, रक्तदान शिविर जैसे उपक्रम आयोजित किये गए. यह गणेशोत्सव हर किसी के स्मरण में निश्चित ही रहेगा.

गणेशोत्सव का नाम सुनते ही आँखों के सामने आते हैं गणेशोत्सव मंडल. अनेक मंडलों ने गणेशोत्सव न मनाने का निर्णय लिया, कुछ ने मर्यादित ढंग से आयोजन किया. वहीं, अनेक मंडलों ने एक नई पहल करते हुए आरोग्य उत्सव आयोजित करने का निश्चय किया. जिसमें बाप्पा के भक्तों ने भी सकारात्मक प्रतिसाद दिया.

सबसे पहले बात करें….लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की. मंडल ने सबसे पहले गणेशोत्सव को आरोग्य उत्सव के रूप में निर्णय लिया था. उसी अनुसार रक्तदान और प्लाज्मा डोनेशन शिविर का आयोजन किया गया. आरोग्योत्सव के दौरान प्रतिदिन 800 से अधिक लोगों ने रक्तदान किया और कुल २०० लोगों ने प्लाज्मा डोनेट किया. मुंबई और महाराष्ट्र के हुतात्मा पुलिस कर्मचारियों के परिवारजनों को शौर्य चिह्न और एक लाख रुपये का धनादेश देकर सम्मानित किया गया.

चिंचपोकली के चिंतामणि सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल का यह १०१वां वर्ष है. इसलिए गणेशोत्सव में १०१ कोरोना योद्धाओं का सम्मान किया गया. उत्सव के दौरान नर्स, पुलिस कर्मियों, स्वच्छता कर्मियों, अग्निशमन दल के कर्मियों को सम्मानित किया गया.

मुंबई, कालाचौकी के ‘महागणपति सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल’ ने एक दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन किया था. इस शिविर में १६५  रक्तदाताओं ने रक्तदान किया.

मुंबई के पार्लेश्वर गणेशोत्सव मंडल ने रक्तदान शिविर का आयोजन किया था. साथ ही मुंबई की  कब्रिस्तान में काम करने वाले कर्मचारियों को पीपीई किट वितरण किया गया.

पुणे स्थित तांबडी जोगेश्वरी गणेशोत्सव मंडल ने इस वर्ष रक्तदान शिविर का आयोजन किया था.

ठाणे के हिन्दू जागृति गणेशोत्सव मंडल द्वारा गणेशोत्सव काल में दर्शन के लिए आने वाले लोगों को दर्शन के बाद प्रसाद में रोग प्रतिकारक शक्ति बढ़ाने वाली गोलियां और आयुष काढ़ा वितरित किया गया.

ठाणे के जय हनुमान बाल मित्र मंडल की ओर से, इस वर्ष भक्तों को फल, फूल और प्रसाद के बदले कच्चा नारियल (टेंडर कोकोनट) लाने के लिए प्रोत्साहित किया गया. एकत्र किए गए सैकड़ों कच्चे नारियल अस्पताल में उपचाराधीन कोरोना के मरीजों को वितरित किये गए.

औरंगाबाद, राजाबाजार संभाजी नगर स्थित ‘संस्थान गणपति गणेशोत्सव मंडल’ ने गणेशोत्सव के दौरान सात दिवसीय रक्तदान और स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया. स्वास्थ्य जांच शिविर में निःशुल्क दवाइयां वितरित की गई. साथ ही कैंसर और हृदय रोग से पीड़ित रोगियों को आर्थिक मदद दी गई.

नागपुर के संती गणेशोत्सव मंडल ने स्वास्थ्य शिविर, रक्तदान शिविर और दवाओं के वितरण का आयोजन करके गणेशोत्सव को स्वास्थ्य पर्व के रूप में मनाया.

कोरोना संकट के कारण अत्यंत संयमित रूप से मनाये गए गणेशोत्सव में रौनक नहीं थी. लेकिन, इस गणेशोत्सव ने समझदार समाज के दर्शन विश्व को कराया है.

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