अयोध्या. अयोध्या में प्रसिद्ध सावन झूला मेला के दौरान श्री रामलला 493 वर्ष बाद चांदी के झूले पर विराजमान हुए. सावन झूला के मौके पर श्री राम जन्मभूमि परिसर में राम लला के चांदी का झूला डाला गया है. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने रामलला के लिए 21 किलो चांदी के झूले को सावन माह के लिए अस्थाई गर्भ ग्रह में स्थापित किया है. सावन माह के शुक्ल पक्ष पंचमी (नाग पंचमी) तिथि पर 493 वर्ष बाद चांदी के झूले पर भगवान श्रीरामलला विराजमान हुए. झूले पर श्री रामलला चारों भाई संग झूलनोत्सव का आनंद ले रहे हैं.
राम नगरी का प्रसिद्ध सावन झूला मेला कोरोना प्रतिबंध का पालन करते हुए 11 अगस्त तृतीया तिथि से चल रहा है. राम जन्मभूमि परिसर में सावन माह के मौके पर अस्थाई मंदिर में पहली बार झूलापड़ा है. श्री राम जन्मभूमि परिसर में रामलला के दर्शन के लिए सावन माह में भीड़ बढ़ गई है. प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन कर रहे हैं. रामलला के भक्त झूलनोत्सव का भी आनंद उठा रहे हैं.
शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि रामलला के दरबार में अब हर उत्सव भव्यता का पर्याय होगा. इसी के तहत शुक्रवार से मंदिर परिसर में झूलनोत्सव की छटा बिखर रही है. भक्तों की मंशा के अनुरूप रामलला के हिलए दिल्ली से 21 किलो चांदी नागद पंका पांच फीट ऊंचा झूला निर्मित कराया गया है. जो अस्थाई मंदिर में स्थापित करा दिया गया है.