उड़ीसा के कोरापुट जिले में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षा बलों के हाथ बड़ी सफलता लगी है. उड़ीसा पुलिस और बीएसएफ ने एक शीर्ष माओवादी नेता दुबाशी शंकर को कोरापुट जिले के नोआरो गाँव से गिरफ्तार किया है. पुलिस ने नगदी और हथियार भी बरामद किए हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार उड़ीसा के डीजीपी अभय ने बताया कि हमने माओवादी को कोरापुट से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी के दौरान फायरिंग में हमारी तरफ से कोई हताहत नहीं हुआ. हालांकि, हथियार और गोला-बारूद छोड़कर भाग गए माओवादियों के घायल होने या हताहत होने के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है.
दुबाशी शंकर उर्फ महेंद्र उर्फ अरुण, आंध्र-उड़ीसा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमिटी (एओबीएसजेडसी) का सदस्य है, उस पर 20 लाख रुपये का नकद इनाम था.
प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) के एसएमसी के सदस्य शंकर को जिला बल के जवानों, विशेष अभियान समूह और बीएसएफ ने संयुक्त तलाशी अभियान में गुड़ा तिलहर के समीप के जंगलों से पकड़ा गया है.
शंकर वर्ष 1987 से प्रतिबंधित माओवादी संगठन भाकपा का सदस्य रहा है. वर्ष 2003 में उसे स्पेशल जोनल कमिटी का सदस्य (एसजेसीएम) बनाया गया था. वर्ष 2010 में उसे सीपीआई (माओवादी) एसएमसी में शामिल कर लिया गया था. शंकर पर उड़ीसा के अलग-अलग जिलों में कई नामजद अपराध दर्ज हैं. उस पर मलकानगिरी जिले में 18, विशाखापत्तनम में 32, तेलंगाना में 24 और कोरापुट में दो मामले दर्ज हैं. शंकर को आंध्र प्रदेश, उड़ीसा और तेलंगाना की पुलिस कई संगीन अपराधों में तलाश कर रही थी, जिसमें हत्या, लूटपाट, वसूली और राष्ट्रद्रोह का मुकदमा भी शामिल है.
खूंखार माओवादी शंकर पर दर्जनों लोगों की हत्या का आरोप है. वह 2010 में कोरापुट के गोविंदपल्ली बारूदी सुरंग विस्फोट में भी शामिल था, जिसमें 11 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी.
उड़ीसा में पिछले 20 वर्षो में पहली बार किसी उच्च पद पर आसीन वामपंथी आतंकी को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तारी के समय पुलिस ने उसके पास से एक इंसास राइफल, 10 राउंड गोला बारूद, 35500 रुपये नकद, एक रेडियो, एक मोबाइल फोन सहित अन्य सामान भी बरामद किया है.