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माओवादियों के ‘सेफ पैसेज’ में सुरक्षा बलों का हमला; एक करोड़ के इनामी सहित 14 माओवादी ढेर

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रायपुर, छत्तीसगढ़। प्रदेश में नक्सली आतंकियों के विरुद्ध सुरक्षा बलों की आक्रामक कार्रवाई निरंतर जारी है। पिछले दिनों की सफलता के पश्चात अब सुरक्षा बलों ने छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में बड़ी सफलता हासिल की है, जिसमें 14 माओवादियों को मार गिराया है। मारे गए माओवादियों में एक करोड़ रुपये का इनामी माओवादी जयराम उर्फ चलपति भी शामिल है। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से 14 माओवादियों के शव भी बरामद किए हैं, जिनमें महिला एवं पुरुष, माओवादी शामिल हैं।

जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर रविवार रात से मुठभेड़ चल रही थी, जिसमें मंगलवार सुबह सुरक्षा बलों को मिली सफलता की जानकारी सामने आई। गरियाबंद जिले के कुल्हाड़ी घाट स्थित भालू डिग्गी के जंगल में हुई मुठभेड़ के दौरान रविवार रात से ही दोनों ओर से रुक-रुककर गोलीबारी चल रही थी। क्षेत्र में लगभग 60 माओवादी मौजूद थे, जिन्हें 1000 से अधिक जवानों ने घेर रखा था।

छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर हुए ऑपरेशन को दोनों राज्यों की ओर से संयुक्त अभियान के तहत चलाया गया था, जिसमें 10 टीमें ऑपरेशन के लिए निकली थीं। इस क्षेत्र को माओवादी ‘सेफ पैसेज’ के लिए उपयोग करते हैं ओडिशा में किसी घटना को अंजाम देने के बाद छत्तीसगढ़ की ओर भागना हो, या छत्तीसगढ़ में किसी घटना को अंजाम देने के बाद ओडिशा भागना हो, माओवादी इसी ‘सेफ पैसेज’ का रास्ता चुनते हैं। दरअसल, छत्तीसगढ़ के ओडिशा बॉर्डर से लगे इस क्षेत्र से पूर्व की ओर कांकेर, नारायणपुर होते हुए गढ़चिरौली का क्षेत्र आता है, ऐसे में माओवादियों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य की ओर जाने का एक आसान मार्ग बन जाता है। कहा जा रहा है कि माओवादी इसी ‘सेफ पैसेज’ का उपयोग कर सीमा पार कर रहे थे, जिस दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने इनपुट्स के आधार पर कार्रवाई की।

ओडिशा राज्य पुलिस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के साथ संयुक्त ऑपरेशन में 14 माओवादी मार गिराए हैं। 19 जनवरी की रात में कुलारीघाट वन्य क्षेत्र में माओवादियों की उपस्थिति की सूचना पर अभियान शुरू किया गया। इसमें छत्तीसगढ़ की 2 और ओडिशा की 3 टीमों के साथ-साथ सीआरपीएफ की 5 टीम ऑपरेशन के लिए निकलीं। 20 जनवरी को पहले 2 महिला माओवादी मारे गए, जिसके बाद घटनास्थल से बड़ी संख्या में गोला-बारूद बरामद किया गया। इसके बाद 20 जनवरी की देर रात और 21 जनवरी की सुबह फोर्स ने 12 और माओवादियों को ढेर किया। मारे गए माओवादियों के पास से बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है। अभी भी क्षेत्र में सर्च अभियान चल रहा है।

गरियाबंद पुलिस अधीक्षक, नुआपाड़ा के पुलिस अधीक्षक, ओडिशा के डीआईजी नक्सल ऑपरेशन एवं कोबरा कमांडेंट पूरे ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। पुलिस के शीर्ष अधिकारी भी मैनपुर क्षेत्र में पहुंच गए हैं, जिसके बाद क्षेत्र के भाटीगढ़ क्षेत्र को छावनी में बदल दिया गया है।

गौरतलब है कि फोर्स ने 4 दिन पहले ही बीजापुर में 18 माओवादियों को ढेर किया था। 16 जनवरी, 2025 को हुई मुठभेड़ में सेंट्रल कमेटी मेंबर दामोदर मारा गया था, जिस पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था। वर्ष 2025 के पहले 21 दिनों में ही सुरक्षा बलों ने 36 माओवादियों को ढेर कर दिया है।

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