रायपुर, छत्तीसगढ़।
सुरक्षा बलों ने जिस तरह से वर्ष 2024 का अंत किया, उसी तरीके से 2025 का प्रारंभ किया है। सुरक्षा बलों को बस्तर में माओवाद पर प्रहार करते हुए 12 माओवादियों को ढेर करने में सफलता मिली है। छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा से लगे क्षेत्र में मुठभेड़ में 12 खूंखार माओवादी मारे गए हैं। माओवादियों को मार गिराने के बाद उनके शव को लेकर कोंडापल्ली पहुंचे, हालांकि अभी मारे गए माओवादियों की पहचान नहीं की जा सकी है।
दिलचस्प बात यह है कि सुरक्षा बल के जवानों ने ऑपरेशन को कुख्यात माओवादी आतंकी हिड़मा के गढ़ में चलाया, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली है। कहा जा रहा है कि मुठभेड़ में माओवादी हिड़मा भी मारा गया है, हालांकि अभी पुष्टि नहीं हुई है। ये सभी माओवादी आतंकी संगठन के बटालियन नंबर 1 एवं सेंट्रल रीजनल कमेटी के आतंकी हैं, जिसका कमांडर कभी हिड़मा हुआ करता था, हालांकि अभी इसकी कमान देवा के हाथ में है।
हिड़मा और देवा के गढ़ में घुसने से पहले सुरक्षा बलों ने पूरी रणनीति बनाई थी, जिसके बाद ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इनपुट मिले थे कि पामेड़ क्षेत्र में बड़ी संख्या में माओवादियों की उपस्थिति है।
यह क्षेत्र माओवादियों के लिए ‘हाईड ऑउट’ की तरह कार्य करता है, जहां माओवादी छिपने या अपनी रणनीति बनाने के लिए आते हैं। कुछ इसी तरह की गतिविधि इस बार भी हो रही थी, जिसमें बटालियन नंबर 1 एवं सेंट्रल कमेटी के माओवादी आतंकी मौजूद थे।
“सुरक्षाबलों को मिले इनपुट के आधार पर ही ऑपरेशन की योजना बनाई गई। ऑपरेशन के लिए दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर के डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के जवानों को मोर्चा संभालने की जिम्मेदारी मिली। इनके साथ कोबरा 205, 206, 208 एवं 210 बटालियन के जवानों की टुकड़ी भी भेजी गई। साथ ही सीआरपीएफ की टीम को भी ऑपरेशन में शामिल किया गया। लगभग 1500 जवानों की संयुक्त टीम 2 दिन पूर्व सर्च ऑपरेशन के लिए निकली, जिनका सामना छत्तीसगढ़-तेलंगाना की सीमा पर बीजापुर के पुजारी कांकेर क्षेत्र में माओवादियों से हुआ।”
सुरक्षा बलों को देखते ही माओवादियों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की, जिससे माओवादी बैकफुट पर आ गए। गुरुवार दिनभर रुक-रुककर मुठभेड़ चलती रही, जिसके बाद देर शाम यह खबर आई कि सुरक्षा बलों ने 12 माओवादियों को ढेर कर दिया है।
माओवादियों के मारे जाने के बाद यह पता चला कि मारे गए माओवादी बटालियन नंबर एक के आतंकी हैं। जिसके बाद ही यह चर्चा भी शुरू हो गई कि इन 12 माओवादियों में कहीं माड़वी हिड़मा भी तो शामिल नहीं?
सुकमा, दंतेवाड़ा और बीजापुर की सीमा में हुई मुठभेड़ के क्षेत्र में हिड़मा और देवा लंबे समय से सक्रिय हैं, वहीं बटालियन नंबर 1 एवं कंपनी नम्बर 9 के माओवादी भी यहां सक्रिय हैं।
06 जनवरी को बीजापुर में ही माओवादियों ने एक आतंकी हमले को अंजाम देते हुए सुरक्षाबलों को निशाना बनाया था। हमले में 8 जवान एवं एक वाहन चालक वीरगति को प्राप्त हुए थे। घटना के बाद से ही जवानों द्वारा बड़े ऑपरेशन की योजना बनाई जा रही थी, जो पुजारी कांकेर की मुठभेड़ में सफलता के रूप में दिखाई दी।