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स्वरोजगार – एमबीए यशपाल ने चुनी आत्मनिर्भरता की राह, 20 लोगों को रोजगार प्रदान किया

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शिमला (विसंकें). प्रधानमंत्री के आह्वान से प्रेरित होकर हिमाचल प्रदेश के कुल्लू के शालंग गांव के रहने वाले यशपाल ने स्वरोजगार की राह अपनायी है. यशपाल ने आत्मनिर्भरता का मार्ग अपनाया, साथ ही डेढ़ दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी उपलब्ध करवाया है. यशपाल हर माह लाखों की आय अर्जित कर रहे हैं.

जहां पढ़ाई के बाद लोग नौकरियों के पीछे भागते हैं, वहीं यशपाल ने आत्मनिर्भरता की राह अपनायी. यशपाल ने प्रधानमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 24 लाख रूपये का ऋण लिया और हथकरघा कारोबार शुरू किया. इसके बाद कुल्लवी टोपी, शॉल, हाफ जैकेट, मफलर, स्टॉल और जुराबें बनानी शुरू कीं. इसके लिए यशपाल ने बुनाई के लिये मशीनें लगवाईं. इनमें प्रयोग होने वाला धागा लुधियाना और अमृतसर से मंगवाया. शुरू में कारोबार में कुछ समस्याएं भी आईं, लेकिन धीरे-धीरे काम चल निकला. अब यशपाल प्रति महीने 15 से 20 लाख रूपया कमा रहे हैं. उन्होंने अपने साथ 20 लोगों को रोजगार उपलब्ध करवाया है जो घर से समीप ही रोजगार मिलने से लाभान्वित हुए हैं.

कुल्लू के बाशिंग में हिमाचल पथ परिवहन निगम की वर्कशॉप के सामने यशपाल ने अपना शोरूम खोला है. यशपाल की सभी वस्तुएं हथकरघे से ही तैयार की जाती है. भले ये तैयार होने में अधिक समय लेती हैं, लेकिन इनकी गुणवत्ता बहुत ही बेहतर रहती है. यशपाल कहते हैं कि ग्रामीणों में हुनर की कोई कमी नहीं है. लेकिन उनको निखारने वाला चाहिए. इसी भावना से वह इस काम में लगे हुए हैं और आज युवाओं की प्रेरणा बने हैं.

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