करंट टॉपिक्स

स्वावलंबन से भारतीय युवाओं का भविष्य होगा उज्ज्वल – श्रीधर वेम्बू

Spread the love

55,12,470 हुई अभाविप की सदस्यता, सबसे बड़े छात्र संगठन ने अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा

गोरखपुर, 22 नवंबर 2024.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ शुक्रवार को दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर के परिसर में भारतीय उद्योगपति श्रीधर वेम्बू ने किया. इस अवसर पर अभाविप के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. राजशरण शाही, नवनिर्वाचित राष्ट्रीय महामंत्री डॉ. वीरेंद्र सोलंकी, अभाविप की राष्ट्रीय मंत्री कुमारी शालिनी वर्मा, अभाविप राष्ट्रीय अधिवेशन की स्वागत समिति के अध्यक्ष व‌ गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, स्वागत समिति महामंत्री कामेश्वर सिंह, व अन्य उपस्थित रहे.

अभाविप के निर्वतमान राष्ट्रीय महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने महामंत्री प्रतिवेदन राष्ट्रीय अधिवेशन में प्रस्तुत करते समय बताया कि विद्यार्थी परिषद ने इस वर्ष सदस्यता के सभी पुराने आंकड़ों को पार कर वर्ष 2023-24 में 55,12,470 सदस्यता की है. विद्यार्थी परिषद की 76 वर्ष की संगठनात्मक यात्रा में यह संख्या सर्वाधिक है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन में मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध उद्योगपति एवं जोहो कॉरपोरेशन के सीईओ श्रीधर वेम्बू ने सभी प्रतिनिधियों को शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि भारत को आज स्वावलंबन की ओर अग्रसर होने की आवश्यकता है. आत्मविश्वास, आत्म प्रेरणा एवं आत्म-अनुशासन व्यक्ति के जीवन को सार्थक बनाने में महती भूमिका निभाते हैं. इसमें से सबसे महत्वपूर्ण आत्म-अनुशासन के गुण विद्यार्थी परिषद कार्यकर्ताओं में परिलक्षित होते हैं. हमें असफलताओं से कभी भयभीत नहीं होना चाहिए, इससे संकल्प शक्ति मिलती है और अर्जित इस शक्ति के साथ जब दृढ़ विश्वास के साथ व्यक्ति कार्य करता है तो वह निश्चित रूप में सफलता प्राप्त करता है. आज हम विकसित भारत की संकल्पना की बात करते हैं, इस हेतु केवल एक जिले को नहीं अपितु समूचे भारत के सभी जिलों को विकसित होना पड़ेगा. संस्कृत में भी कहा गया है ‘धर्मस्य मूलं अर्थः’, जिसका मतलब धर्म का आधार अर्थ है. यदि आर्थिक मजबूती नहीं रहेगी तो धर्म भी पूर्ण रूप से नहीं रह पाएगा. भारत को नवाचार का केंद्र बनाने का समय आ गया है. इसके लिए शिक्षा, तकनीकी विकास, और सामाजिक समर्पण को प्राथमिकता देनी होगी. साथ ही उद्यमिता काफी महत्वपूर्ण है और इसी के माध्यम से स्वावलंबन की ओर हम आगे बढ़ सकेंगे. संतुलन, समरसता और सद्भाव से ही हम विकास के पथ पर अग्रसर हो सकेंगे, किंतु हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि इसका उद्देश्य भारतीय संस्कृति के संवर्धन से जुड़ा होना चाहिए और प्रकृति के सामंजस्य के साथ चलना चाहिए. सरकारें सभी को नौकरियां प्रदान नहीं कर सकती, केवल इस हेतु सुलभ वातावरण निर्मित कर सकती हैं. इसलिए स्वावलंबन काफी महत्वपूर्ण है. मुझे आज इस कार्यक्रम में आकर काफी प्रसन्नता हुई और इस बात का भी हर्ष है कि अभाविप का कार्यकर्ता निरंतर इस पथ पर आगे बढ़ते हुए समाज जागरण का कार्य कर रहा है.

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नवनिर्वाचित महामंत्री वीरेंद्र सोलंकी ने कहा कि भारतीय एकात्मकता के लिए अभाविप कार्यकर्ता निरंतर प्रयास कर रहे हैं. आज 76 वर्षों की अभाविप बहुआयामी वटवृक्ष का रूप ले चुकी है, जो समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए अपने रचनात्मक प्रयासों द्वारा परिवर्तन लाने का काम कर रहे हैं. विद्यार्थी परिषद में सामान्य से सामान्य कार्यकर्ता को आगे बढ़ने के अवसर मिलते हैं, इसका उदाहरण मैं स्वयं हूं.

स्वागत समिति के अध्यक्ष गोरखपुर के महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव ने कहा कि गोरखपुर की भूमि आध्यात्मिक विरासत का केंद्र रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *