मुंबई. कोरोना संकट के दौरान अनेक लोगों को रोजगार पर संकट आया. रोजगार जाने के कारण घर पर बैठना पड़ा. कुछ लोगों ने परिस्थिति से समझौता कर लिया, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने हिम्मत नहीं हारी. तकनीक, कौशल, बुद्धिमता से स्वरोजगार प्रारंभ कर स्वयं खड़े हुए और अपने साथ अन्य लोगों को भी हौसला दिया. संकट की स्थिति में समाज का उत्साह बढ़ाने वाली ऐसी अनेक कहानियां हमारे सामने आ रही हैं.
ऐसी ही कहानी है माटुंगा के ब्राह्मण वाडा में रहने वाले राजकुमार अग्रहरी की. कोरोना संकट काल में उनकी नौकरी भी चली गई. घर में पिता जी, पत्नी और दो बच्चे हैं, इन का पेट कैसे भरें, इस दुविधा में पड़ गए. जल्द कुछ न कुछ करना आवश्यक था, अन्यथा परिवार में संकट बढ़ जाता. राजकुमार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक हैं एवं एक साप्ताहिक मिलन के प्रमुख हैं, तो हिम्मत हारने का सवाल ही नहीं.
साथी स्वयंसेवकों से चर्चा हुई तो मार्ग निकला और उन्होंने घर के पास ही केले बेचने का कार्य शुरू कर दिया. काम ठीक चलने लगा तो 100-200 करते-करते प्रतिदिन 500 रुपये तक का लाभ होने लगा, लेकिन महानगरपालिका की अनुमति न होने के कारण केले की ठेला गाड़ी लगाना मुश्किल हो गया. फिर विचार हुआ तो तकनीक के उपयोग का मार्ग निकला कि ग्राहक तुम तक नहीं आ सकते तो तुम उन तक पहुंच जाओ.
फिर क्या था, फोन और whats-app पर आर्डर लेने का क्रम शुरू हो गया, केले के साथ ही देसी व बाहर से आने वाली सब्जियों, फलों की मांग आने लगी. ठेले पर केले बेचने का व्यवसाय ऑनलाइन सब्जी बिक्री के व्यवसाय में परिवर्तित हो गया, ऑर्डर के अनुसार आपूर्ति का क्रम शुरू हो गया. इस दौरान उन्होंने अपने साथ कुछ अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करवाया.
इसी दौरान काम को लेकर साथी स्वयंसेवकों से चर्चा हुई तो स्वयंसेवकों ने गूगल फॉर्म का सुझाव दिया और राजकुमार को गूगल फॉर्म बनाकर भी दिया. गूगल फॉर्म में सभी विकल्प थे, जैसे सब्जियों, फलों के नाम, मात्रा (वजन), सिलेक्ट करो और ऑर्डर प्लेस करो. यह आइडिया ग्राहकों को खूब पसंद आय और आइडिया हिट हो गया. लोगों ने स्वयं तो लाभ लिया ही, अपने रिश्तेदारों-परिचितों को भी गूगल फॉर्म भेजना शुरू कर दिया. इस आइडिया ने विज्ञापन का काम किया.
राजकुमार ने संकट काल में हिम्मत नहीं हारी और उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर स्वरोजगार शुरू किया. आज राजकुमार पुनः अपनी नौकरी पर लौट आए हैं. लेकिन उन्होंने ऑनलाइन व्यवसाय बंद नहीं किया है. उसे उनकी पत्नी देख रही हैं, तथा दो अन्य लोगों को भी अपने साथ रोजगार उपलब्ध करवाया है.