नई दिल्ली. आसमान में भारत की ताकत को बढ़ाने के लिए सरकार ने भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस लड़ाकू विमान की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी थी. बुधवार को 83 तेजस लाइट कॉम्बैट विमानों की डील पर आधिकारिक रूप से साइन कर दिए गए. 48 हजार करोड़ रुपये की यह डील हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को दी गई है. इस डील को स्वदेशी मिलिट्री एविएशन सेक्टर की सबसे बड़ी डील माना जा रहा है.
बेंगलुरु में एशिया के सबसे बड़े एयर शो एयरो इंडिया-2021 के उद्घाटन अवसर पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति मे रक्षा मंत्रालय में महानिदेशक रक्षा खरीद ने एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर माधवन को अनुबंध से संबंधित दस्तावेज प्रदान किए.
डील के तहत एचएएल वायु सेना के लिए 83 मार्क 1ए लड़कू विमान बनाएगा और इन पर करीब 48 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी. यह मेक इन इंडिया के तहत अब तक का सबसे बडा सौदा है. विमानों के दो संस्करण होंगे, जिनमें 73 तेजस मार्क 1 ए होंगे और 10 तेजस मार्क 1 होंगे.
आर. माधवन ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा था कि पहले तेजस विमान की आपूर्ति वायु सेना को 36 महीने में की जाएगी और 9 साल की अवधि में सभी विमान वायु सेना को सौंप दिए जाएंगे. रक्षा मंत्री ने इस मौके पर कहा कि आने वाले समय में तेजस वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े की रीढ़ साबित होगा. उन्होंने कहा कि एचएएल रक्षा क्षेत्र में देश की जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. मालदीव और श्रीलंका जैसे मित्र देशों ने तेजस की खरीद में दिलचस्पी दिखायी है. भारत आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत अपनी रक्षा उत्पादन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में तत्पर है. उन्होंने कहा, भारत अपनी रक्षा के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रह सकता.
तेजस परियोजना 2003 में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय शुरू हुई थी. तेजस विमान ने अब तक विभिन्न आयोजनों और मौकों पर अपने करतब तथा जौहर दिखाए हैं और यह विमान 6000 सफल उड़ान भर चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट ने 13 जनवरी को भारतीय वायुसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए तेजस जेट्स को खरीदने वाले प्रस्ताव को मंजूरी दे थी.
भारतीय वायु सेना पहले 40 लाइट कॉम्बेट एयरक्राफ्ट की डील कर चुकी है. इसी के साथ भारतीय वायु सेना के लिए कुल 123 तेजस विमानों की डील हुई है. जहां तक Mk-1A वैरिएंट की बात है तो यह डिजिटल रडार वार्निंग, सेल्फ प्रोटेक्शन जैमर पॉड्स जैसी कई सुविधाओं के साथ आने की उम्मीद है.
क्या है तेजस?
एचएएल की ओर से विकसित तेजस को चौथी पीढ़ी के सबसे उन्नत और सबसे हल्के लड़ाकू विमानों में गिना जाता है. ये अपने मूल वैरिएंट में 43 बदलावों के बाद अप्रूव हुई है. एलसीए-तेजस कम ऊंचाई पर उड़ते हुए सुपरसोनिक स्पीड से दुश्मन पर हमला करने में सक्षम है. ऊंचाई कम होने की वजह से ये कई बार दुश्मन के रडार को भी चमका देने में कामयाब रहता है. तेजस मल्टीरोल फाइटर जेट है, जिसका इस्तेमाल एयर टू एयर, एयर टू ग्राउंड स्ट्राइक में किया जाता है.
भारतीय वायुसेना में तेजस से लैस दो स्क्वॉड्रन हैं. पिछले साल स्क्वॉड्रन नंबर 45 विशेष रूप से तेजस के साथ बनाया गया था, जिसका नाम Flying Daggers रखा गया है. हालांकि नए तेजस विमान पहले मिल चुके तेजस से और भी ज्यादा बेहतर होंगे.