शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सचिव अतुल कोठारी ने कहा कि माधव गोविंद वैद्य जी के जीवन से हम सभी को सब कुछ समाज के प्रति समर्पित करने की भावना और राष्ट्र सेवा को सर्वोपरि रखने की प्रेरणा लेने की आवश्यकता है. वे 28 जनवरी को न्यास की दिल्ली प्रांत इकाई द्वारा “माननीय माधव गोविंद वैद्य : व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व” विषय पर आयोजित को विचार गोष्ठी में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने गोविंद वैद्य जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वह एक ऐसे व्यक्तित्व के स्वामी थे, जिनकी रगों में संघ पूरी तरह से समाया हुआ था और उन्हें प्रथम सरसंघचालक से लेकर वर्तमान सरसंघचालक के साथ कार्य करने का अवसर मिला.
विचार गोष्ठी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य जी विशेष रूप से उपस्थित रहे. डॉ. मनमोहन जी ने प्रेरणादायक व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि माधव जी ने समाज में जनजागरण के लिए स्वयंसेवक के साथ -साथ एक पत्रकार की भी अग्रणी भूमिका निभाई. उनके सार्वजनिक और व्यक्तिगत जीवन में उनके सिद्धांतों और विचारधारा में कभी कोई अंतर देखने को नहीं मिला. एक चिंतक, विचारक और पत्रकार के रूप में उन्होंने कई पुस्तकों के माध्यम से भी राष्ट्रीय विचारों को आगे बढ़ाने में अप्रतिम योगदान दिया. पुस्तक “मैं संघ में और मुझ में संघ” का उल्लेख करते हुए कहा कि किस प्रकार व्यक्ति, संगठन और सोच के समन्वय को सामाजिक परिघटनाओं के साथ जोड़कर उन्होंने हमेशा राष्ट्र के प्रति लोगों में प्रेम व समर्पण की भावना को जगाने का निरंतर कार्य अपने जीवन में किया.
डॉ. रितिका शर्मा सह संयोजिका दिल्ली प्रांत ने मनमोहन वैद्य जी तथा बैठक में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों एवं दिल्ली प्रांत के कार्यकर्ताओं का धन्यवाद किया. विचार गोष्ठी में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के उत्तर क्षेत्र संयोजक जगराम जी, पर्यावरण विषय के राष्ट्रीय संयोजक संजय स्वामी जी, दिल्ली प्रांत संयोजक संदीप उपाध्याय जी एवं दिल्ली प्रांत के कार्यकर्ता उपस्थित थे.