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वरिष्ठ पत्रकार रामाशंकर राय का निधन

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गुवाहाटी. कई दशक तक पूर्वोत्तर के पत्रकारिता जगत में अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं देने वाले वरिष्ठ पत्रकार रमाशंकर राय का सोमवार की देर शाम को निधन हो गया. वे 86 वर्ष के थे. वे पूर्वोत्तर भारत के साथ ही देश भर से प्रकाशित विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं से अपने जीवन काल में जुड़े रहे. दिवंगत राय ने अंतिम सांस अपने जन्म स्थान उत्तर प्रदेश के मऊ जिला, पोस्ट हथिनी गांव चोर्पाखुर्द में ली. वे अपने पीछे दो पुत्र अरुण कुमार राय, अरविंद कुमार राय एवं दो पुत्रियों को छोड़ गए हैं.

शैक्षणिक जीवन के दौरान ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े और बाद में प्रचारक के रूप में भी लंबे समय तक अपनी सेवाएं दीं. साथ ही वे बहुभाषी न्यूज एजेंसी हिन्दुस्थान समाचार असम के ब्यूरो चीफ के रूप में अवकाश प्राप्त कर चुके थे. उनके निधन से पूर्वोत्तर के पत्रकारिता जगत को अपूरणीय क्षति हुई है. उनको जानने वाले अनेक वरिष्ठ लोगों ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए दिवंगत आत्मा की चिर शांति एवं उनके परिजनों के समृद्धि के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है.

वर्ष 1961 में वे असम आए. उन्होंने जोरहाट स्थित असम राष्ट्र भाषा हिंदी हाईस्कूल में लंबे समय तक प्रिंसिपल के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं. संघ के प्रचारक के रूप में कार्य करने के चलते आपातकाल में उन्हें जोरहाट से गिरफ्तार किया गया. वे 18 महीनों तक आपातकाल के दौरान जेल में कैद रहे. आपातकाल के बाद जेल से बाहर निकलने के बाद वे हिन्दुस्थान समाचार के साथ जुड़े. असम सहित पूरे पूर्वोत्तर राज्यों के ब्यूरो प्रमुख रूप में हिन्दुस्थान समाचार में अपनी सेवाएं दीं. उनका स्थानांतरण गुवाहाटी से दिल्ली कर दिया गया. जहां पर उन्होंने लोकसभा, राज्यसभा की रिपोर्टिंग की. बाद में उनका स्थानांतरण उत्तर प्रदेश के ब्यूरो चीफ के रूप में हुआ. हिंदुस्थान समाचार के बाद 1989 में गुवाहाटी से प्रकाशित हिंदी समाचार पत्र उत्तरकाल में ब्यूरो चीफ के रूप में पांच वर्षों तक कार्य किया. इसके उपरांत विश्व संवाद केंद्र गुवाहाटी के संपादक के रूप में भी 2001 तक अपनी सेवाएं दीं. 2001 में हिन्दुस्थान समाचार का जब पुनः न्योवाथान हुआ तो वे एक बार फिर से असम सहित पूरे पूर्वोत्तर के ब्यूरो चीफ के रूप में अवकाश ग्रहण से पूर्व वर्ष 2013 तक अपनी सेवाएं दीं. इस बीच उन्होंने कुछ समय गुवाहाटी से प्रकाशित हिंदी समाचार पत्र पूर्वांचल प्रहरी में भी अपनी सेवाएं दीं. उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से एमए तथा बीटी की शिक्षा ग्रहण की थी. असम सरकार द्वारा पहली बार शुरू की गयी पत्रकार पेंशन पाने वाले राज्य के दूसरे पत्रकार के रूप में चुने गए थे.

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