मेरठ. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवा भारती एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन ने 9 अक्तूबर को भगवान वाल्मीकि प्रकट दिवस पर अनोखी पहल की. सेवा विभाग, सेवा भारती एवं नेशनल मेडिकोज़ ऑर्गेनाइजेशन द्वारा मातादीन वाल्मीकि सेवा यात्रा एवं निःशुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया. मेरठ महानगर की 75 सेवा बस्तियों में एक साथ एक समय निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाए गए. 1857 की क्रांति के नायकों में से एक मातादीन वाल्मीकि के नाम से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, सेवा भारती एवं नेशनल मेडिकोज ऑर्गेनाइजेशन ने मातादीन वाल्मीकि सेवा यात्रा का आयोजन किया. मातादीन वाल्मीकि मेरठ की धरती पर पैदा हुए और अट्ठारह सौ सत्तावन की स्वतंत्रता संग्राम के मुख्य सूत्रधार रहे हैं.
सभी चिकित्सा शिविर प्रातः 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक रहे. सेवा बस्ती में स्वास्थ्य की देखभाल का सामाजिक दायित्व समझते हुए इन शिविरों का आयोजन किया गया. सेवा बस्तियों में शहर के प्रतिष्ठित 250 डॉक्टरों ने अपनी सेवाएं दीं, साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 1000 स्वयंसेवकों ने प्रातःकाल से ही चिकित्सा शिविरों की सम्पूर्ण व्यवस्था सम्भाली. शिविरों में डॉक्टरों ने मरीजों को स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक किया. शिविर में हर आयु वर्ग के लोगों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, ब्लड प्रेशर की जांच के साथ ही आवश्यक दवाओं का निःशुल्क वितरण किया गया.
महानगर में भगवान महर्षि वाल्मीकि के चित्र पर पुष्पार्पित करके चिकित्सा शिविर प्रारंभ हुए. सभी 75 चिकित्सा शिविरों में महानगर में 6500 मरीजों का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा उनको आवश्यक दवाईयां वितरित की गई. प्रातःकाल से ही बारिश होने के बाद भी चिकित्सा शिविरों पर महिलाएं, बुजुर्ग एवं बच्चे बड़ी संख्या में अपना परीक्षण कराने के लिये आने शुरू हो गए थे.
महानगर संघचालक विनोद भारतीय ने बताया कि संघ का सेवा विभाग सेवा बस्तियों में समय-समय पर निःशुल्क चिकित्सा शिविर लगाता रहता है. संघ प्रत्येक वर्ष शरद पूर्णिमा पर विभिन्न प्रकार के आयोजन करता है. एन.एम.ओ. के प्रांत अध्यक्ष डॉक्टर वीरोत्तम तोमर ने बताया कि मेरठ में अभी तक का सबसे बड़ा चिकित्सा शिविर है. इतने बड़े स्तर पर यह सफल आयोजन अपने में एक अनूठी पहल है. शिविर में आए मरीजों ने आयोजन की प्रशंसा की.