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सुखदेव वशिष्ठ
कोरोना की दूसरी लहर से देश में हाहाकार मचा हुआ है. महामारी ने मानवता को भी कुचल कर रख दिया है. यदि कोई संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो वो भी संक्रमित हो जाता है. इस सबके बावजूद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक अपनी जान जोखिम में डालकर पूरी तत्परता के साथ लोगों की मदद करने का काम कर रहे हैं. भारत में कोरोना की दूसरी लहर मेडिकल ढांचे को पूरी तरह से झकझोर देने वाली रही. इसकी वजह से मरीजों को ऑक्सीजन और अन्य संसाधनों की उपलब्धता के लिए इंतजार करना पड़ा.
ठीक इसी समय नर सेवा को परम कर्तव्य मानकर चलने वाले संगठन सेवा इंटरनेशनल ने भारत औऱ विदेशों में अपने सहयोगियों के सहयोग से मोर्चा संभाला. सेवा इंटरनेशनल भारत के सचिव श्याम परांडे बताते हैं कि 25 से भी ज्यादा देशों में अपने सहयोगियों से संपर्क साधा गया और 16 मिलियन डॉलर से भी ज्यादा राशि इकठ्ठी की गयी. इसमें से डेढ़ लाख बंधुओं ने जापान, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, कनाडा, यूरोप, लेटिन अमेरिका और मिडल ईस्ट से व्यक्तिगत रूप से सहयोग राशि भेजी. कैंपेन शुरू होने के 100 घंटे में ही सेवा इंटरनेशनल (यू.एस.ए.) ने $4.7 मिलियन डॉलर इकठ्ठे किये. इसी तरह 50 के करीब नॉन प्रॉफिट सिविल सोसाइटियों को भी सक्रिय किया गया. इनके माध्यम से तथा ग्राउंड पर सक्रिय 1000 के करीब वॉलंटियर्स और 250, ऑनलाइन वॉलंटियर्स की टीम के माध्यम से 80,000 राशन किट बांटी गईं. 50,000 मेडिकल किट, 8000 ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर, 25,000 ऑक्सीजन मीटर, 4000 पी.पी.ई किट बांटी जा चुकी हैं. इसके साथ ही 80 ऑक्सीजन प्लांट भी प्लान किये जा रहे हैं. इसके साथ-साथ हिमाचल के ऊना जिला में सेनेटाइजेशन भी करवाया जा रहा है. आई.पी.एस अर्जित सेन (एस.पी ऊना) के सहयोग से सभी पुलिस स्टेशन को सेनेटाइज किया जा रहा है. जिला अस्पताल के साथ ब्लॉक स्तर के सभी अस्पताल भी सेनेटाइज किये गए.
कोरोना पीड़ितों की मदद कर रहे स्वयंसेवक
कोरोना संकट के इस समय में कुछ हाथ ऐसे हैं जो प्राणों की परवाह किए बिना पीड़ितों की सेवा के लिए उठ रहे हैं. सामाजिक-धार्मिक संस्थाएं, समाज सेवी सहयोग के लिए हाथ आगे बढ़ा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी कोरोना संकट से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए कार्य कर रहे हैं. प्राकृतिक आपदा या महामारी के दौरान लोगों की सहायता के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी अग्रिम पंक्ति में खड़े होते हैं. वर्तमान में भी देश में कोरोना महामारी का संकट छाया हुआ है. हर तरफ पीड़ा दर्द और मायूसी के हालात हैं, संकट की इस घड़ी में प्रत्येक राज्य में स्वयंसेवक लोगों की सहायता के लिए आगे आ रहे हैं.
डॉ. हेडगेवार जी के शब्दों में “हमें नवीन कुछ नहीं करना है. हमारे पूर्वजों ने जिस प्रकार समाज और संस्कृति की सेवा की, जो ध्येय अपने सामने रखे और उनकी प्राप्ति के लिये दिन-रात प्रयत्न किये, उन्हीं ध्येयों को उसी भांति हमें भी सिद्ध करना है. उनका अधूरा रहा कार्य पूरा कर राष्ट्र सेवा करनी है.”
आज का समय भीषण और संकटमय है, किंतु मैं कहूंगा कि आज जैसी अनुकूल परिस्थिति कभी नहीं आई. यही समय है, हम लोगों के लिये जी-जान से प्रयत्न करने का. प्रतिकूल परिस्थिति को परास्त करके जो आगे बढ़ता है, वही अंत में बाजी मारता है. और हमें डरने की क्या जरूरत है? भगवान का वरद हस्त हमारे सिर पर है क्योंकि हमारा कार्य ईश्वरीय कार्य है. संतों का शुभाशीष भी हमारे साथ है.
सेवा इंटरनेशनल अपने राष्ट्र के विराट को जाग्रत करने का काम कर रही है. अपने प्राचीन के प्रति गौरव का भाव लेकर, वर्तमान का यथार्थ आंकलन कर भविष्य की महत्वाकांक्षा लेकर सेवा के काम में जुटे हैं. अपनी प्राचीन समृद्ध परंपरा के आधार पर ऐसे भारत का निर्माण करने में जुटे हैं जो हमारे पूर्वजों से अधिक वैभवशाली हो, जिसमें जन्मा मानव अपने व्यक्तित्व का विकास करते हुए संपूर्ण मानव ही नहीं अपितु सृष्टि के साथ साक्षात्कार कर नर से नारायण बनेगा.