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व्यक्ति निर्माण का केंद्र बिन्दु शाखा; शाखा प्रभावी होनी चाहिए

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हरिगढ़ (अलीगढ़), 20 अप्रैल। संघ शताब्दी वर्ष को लेकर स्वयंसेवकों व समाज में उत्साह है। शताब्दी वर्ष के निमित्त संघ ने प्रत्येक गांव और बस्ती तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। इसलिए, सरसंघचालक जी के पांच दिवसीय प्रवास के चौथे दिन भी शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों को लेकर मंथन हुआ। मथुरा रोड पर सिंघारपुर स्थित केशव सेवा धाम परिसर में ब्रज प्रांत के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में भी संघ शताब्दी के सात कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से किए जाने को लेकर विचार विमर्श हुआ। जिसे विजयादशमी से प्रारंभ किया जाएगा।

संघ स्थापना के समय से ही संघ के लिए यह बात स्पष्ट रही है कि ऐसे अवसर उत्सव के लिए नहीं होते हैं, बल्कि ये हमें आत्मचिंतन करने व अपने उद्देश्य के प्रति समर्पित होने का अवसर होता है। साथ ही यह अवसर आरएसएस के 100 वर्षों में जो कार्य हुआ है, उस कार्य को दिशा देने वाले समर्पित कार्यकर्ताओं और कार्य में निःस्वार्थ भाव से जुड़ने वाले स्वयंसेवकों, प्रचारकों व उनके परिवारों के स्मरण का भी अवसर है। इस प्रवास में सरसंघचालक जी ने संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं, प्रचारकों और प्रबुद्धजनों के साथ संवाद किया। सरसंघचालक जी ने कहा कि व्यक्ति निर्माण का केंद्र बिंदु शाखा ही है। इसलिए शाखा प्रभावी होनी चाहिए। संघ शताब्दी के सातों बिंदुओं पर विशेष ध्यान देने को कहा गया।

सात बिंदु इस प्रकार हैं….

  1. 1. संघ स्थापना दिवस (विजयादशमी – 2025) पर होंगे गांव/मण्डल/बस्ती में आयोजन
  2. 2. प्रत्येक बस्ती और गांव में घर-घर जाकर संपर्क
  3. 3. बस्ती/मंडल अनुसार हिन्दू सम्मेलन
  4. 4. जिला केंद्रों पर प्रमुख जन गोष्ठी
  5. 5. सामाजिक सद्भाव बैठकें
  6. 6. विजयादशमी 2026 से पूर्व अधिकतम शाखाएं अधिकतम स्थानों पर सप्ताह भर लगाना
  7. 7. बड़े युवा सम्मेलनों का आयोजन

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