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शिमला – मेरिट में स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रधानाचार्य ने दिया एक-एक लाख का पुरस्कार

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शिमला (विसंकें). जिला के एक सरकारी स्कूल के प्रधानाचार्य ने छात्रहित का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है. प्रधानाचार्य ने बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट में आने वाली दो छात्राओं को एक-एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की. छात्राओं को प्रोत्साहित करने के लिए उन्होंने यह राशि अपनी जेब से दी है.

चियोग स्कूल की जमा दो की छात्रा सिमरन ने कॉमर्स संकाय की मेरिट सूची में प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया था. वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जुग्गर की छात्रा साक्षी शर्मा ने कला संकाय में राज्‍य में चौथा स्थान प्राप्त किया है. जुग्गर स्कूल कलस्टर के तहत चियोग स्कूल के अधीन ही आता है. हालांकि, परीक्षा परिणाम घोषित होने के दौरान साक्षी शर्मा आठवें स्थान पर रही थी, बाद में पुनर्मूल्यांकन करवाया तो अंकों में सुधार हुआ और साक्षी ने चौथा स्थान प्राप्त किया.

संदीप कुमार शर्मा दो साल पहले प्रधानाचार्य के रूप में इस स्कूल में कार्यरत थे. उन्होंने परीक्षा से पहले विद्यार्थियों से वायदा किया था कि यदि कोई बोर्ड परीक्षा की मेरिट सूची में आता है तो वह उसे सम्मानित करेंगे. परीक्षा परिणाम घोषित होने के पश्चात संदीप कुमार ने छात्रों से किया वायदा पूरा किया. तथा छात्राओं को एक-एक लाख रुपये की राशि प्रदान की.

सिमरन के पिता पेशे से चालक हैं, जबकि साक्षी के पिता किसान हैं. साधारण आर्थिक पृष्ठभूमि की छात्राओं में जब संदीप शर्मा ने अध्ययन की प्रबल लालसा देखी. तो उन्होंने छात्राओं को प्रोत्साहित किया और कहा कि बेटे अगर तुम्हारा नाम मेरिट लिस्ट में आएगा तो मैं 1 लाख का इनाम दूंगा. लेकिन शर्त यह है कि आपके एक भी नम्बर कम नहीं होना चाहिए. छात्राओं ने लगन के साथ अध्ययन शुरू किया, और मेरिट सूची में स्थान प्राप्त किया.

स्कूल भवन निर्माण में दिया था 10 लाख का सहयोग

चियोग स्कूल के भवन को प्रशासन द्वारा असुरक्षित घोषित किया गया था. ऐसे में विद्यार्थियों को खुले स्थान पर ही बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा था. प्रधानाचार्य ने देखा कि प्रक्रियाओं में लंबा समय लगेगा और बच्चों को समस्या होगी तो उन्होंने अपनी जेब से 10 लाख रुपये की राशि बिल्डिंग फंड में डाल दी, जिससे नए भवन का निर्माण संभव हो सका.

समाज में अच्छे कार्य से लोग भी प्रेरणा ग्रहण करते हैं. चियोग स्कूल के प्रधानाचार्य संदीप शर्मा से भी दूसरे शिक्षक प्रेरणा प्राप्त कर रहे हैं. स्कूल में अन्य अध्यापकों ने गरीब बच्चों की सहायता करना प्रारम्भ किया है. जिन बच्चों की यूनिफॉर्म फट जाती हैं या कॉपी-किताब की समस्या आती है तो शिक्षक सहयोग करते हैं.

चियोग स्कूल के प्रधानाचार्य अध्ययन के क्षेत्र में बच्चों की मदद करते हैं. साथ ही खेलों में प्रतिभाओं को तराशने का कार्य भी कर रहे हैं. उनके स्कूल में कुश्ती के प्रति रूझान बढ़ा तो प्रधानाचार्य ने स्कूल में सुविधाओं के लिए एसजेवीएनएल से संपर्क साधा और स्कूल के लिए रेसलिंग मैट उपलब्ध करवाया.

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